17वीं हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय बुशु प्रतियोगिता का शुभारंभ

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खेल में प्रदर्शन हार और जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण
बिलासपुर, 3 अक्टूबर। खेल हमें रोमांच, उत्साह और संवेदना के साथ जोड़ते हुए आत्मविश्वास की ओर ले जाता है और इससे सफलता और विफलता में धेर्य व संयम और साहस का बोध होता है और यही खेलों का महत्व है। यह उद्गार जिला उपायुक्त पंकज राय ने बाबा कल्याण कमल दास वुशु क्लब चमलोग द्वारा 17वीं हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय सब जूनियर और जूनियर वुशु प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि खेलों में अच्छे या उत्कृष्ठ प्रदर्शन हार और जीत के आंकडे से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि वुशु खेल में कम अंतराल में ही खिलाडि़यों ने 4 अर्जुन पदक प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिले मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, कांगडा, ऊना, शिमला और हमीरपुर के लगभग 250 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे है। इसमें सब जूनियर और जूनियर बालक, बालकियों की शांसू व तालू स्पार्धाएं आयोजित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आज खेलों में अपार संभावनाएं है तथा खेल-कूद एक उद्योग बन चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खिलाडि़यों के लिए सरकार द्वारा अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि वुशु संघ द्वारा अनेक वुशु प्रतियोगिताओं का आयोजन कर खिलडि़यों की प्रतिभा को संवारा जा रहा है। हिमाचल के वुशु खिलाडि़यों ने 17 स्वर्ण, 28 रजत और 93 कांस्य सहित कुल 138 पदक वर्ष 2000 से अब तक प्राप्त कर इतिहास रचा है।
उन्होंने आयोजन समिति को आश्वासन दिया कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिले में भी चुशु के विभिन्न आयोजनों के लिए पूरा सहयोग किया जाएगा। यह हर्ष का विषय है कि वर्ष 2000 में इस खेल को प्रदेश ने पहचान दी तथा अब तक 35 से ज्यादा वुशु खिलाडि़यों को सरकारी नौकरियों में खिलाड़ी कोटे से लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि खेलों और खिलाडि़यों को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर माह में चार स्पर्धाओं का आयोजन लूहणू मैदान में किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर की कायकिंग एंड कनोइंग, पैराग्लाइडिंग, कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजन के साथ-साथ बिलासपुरी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक उत्सव भी शामिल होंगे। जिले में अक्टूबर माह में राष्ट्रीय स्तर की महिला एवं पुरुष वॉटर स्पोर्टस की स्पर्धा लुहणू मैदान में आयोजित की जा रही हैं। इन स्पर्धाओं में देश के लगभग 1000 महिला एवं पुरुषों के नौका दौड़ में भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा कि लुहणू मैदान सभी खेलों का केंद्र बिंदू है। इसके विकास व सौंदर्यकरण के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा योजना बनाई जा रही है।
इस अवसर पर उन्होंने युवा खिलाडि़ओं को नशे से दूर रहने का आग्रह किया तथा सभी से आह्वान किया कि इस संदेश को घर-घर तक पहंुचाएं ताकि नशे की गिरफ्त में तबाह होती मासूम युवा जिंदगियों को बचाया जा सके। उन्होंने खिलाडि़यों से कोरोना प्रोटोकोल का पालन करने का भी आग्रह किया।
हिमाचल वुशु संघ के महासचिव पी.एन. आजाद ने कहा कि 21वीं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता से हिमाचल के 42 खिलाडि़यों व 4 ऑफिशियल का चयन लवली यूनिवर्सिटी जालंधर में होने वाली 20 से 25 अक्टूबर तक नेशनल वुशु प्रतियोगिता के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि वुशु प्रतियोगिता में देश, प्रदेश स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों ने राज्य का नाम रोशन किया है।
इस कार्यक्रम में डीएवी स्कूल के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश वुशु संघ के प्रधान शिवपाल मिन्हास, कोषाध्यक्ष पूर्ण चंद, मुख्य सलाहकार बाबा कमल दास जी महाराज, वुशु क्लब चमलोग के प्रधान बलदेव शर्मा, वरिष्ठ उप प्रधान कुबेर ठाकुर, हिमाचल प्रदेश चुशु संघ के उप प्रधान आनंद ठाकुर, सचिव सोलन रूदर चंद, कुल्लू खेम सिंह, मंडी पवन नाग, कांगडा मनीष राणा सहित मंदिर कमेटी के विभिन्न पदाधिकारी और विभिन्न पंचायतो के प्रतिनिधि व खिलाडि़यों के अभिभावक मौजूद रहे।

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