छह मुख्य ‘थीम’ बदल देंगे राज्य में पर्यटन परिदृश्य
धर्मशाला, 19 सितंबर। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य के सबसे बड़े जिले कागड़ा के धर्मशाला शहर में आयोजित किए जा रहे विभिन्न प्रदेशों के पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक, धार्मिक, साहसिक गतिविधियां, सप्ताहांत, ग्रामीण और जनजातीय पर्यटन सहित छह मुख्य विषयों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और अब सरकार ने अनछुए स्थलों को तलाशने के लिए नई पहल की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना राज्य के कई सुंदर एवं अनछुए स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जंजैहली में ईको टूरिज्म, चांशल घाटी में स्कीइंग और बीड बिलिंग क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग दुनिया भर के प्रकृति एवं साहसिक खेल प्रेमियों को आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जलविद्युत परियोजनाओं के जलाशयों में जल क्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जा रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रयासों से निर्मित अटल टनल रोहतांग जहां सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, वहीं यह टनल हिमाचल आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण साबित हुई है। इस सुरंग ने लाहौल और पांगी घाटियों में पर्यटन की नई संभावनाएं पैदा की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मंडी जिले में एक वृहद धार्मिक पर्यटन परियोजना ‘शिव धाम’ शुरू की है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनछुए पर्यटन गंतव्यों को प्रोत्साहन प्रदान करने की दिशा में बेहतर सड़क सुविधा एक चुनौती रहती है। अनछुए पर्यटन गंतव्यों को प्रोत्साहन करने की दिशा में राज्य में संपर्क सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है और राष्ट्रीय राजमार्गों को विस्तार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हवाई सुविधा को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस दिशा में मंडी जिले में नया एयरपोर्ट निर्मित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में पर्यटकों की आमद बहुत अधिक रहती है। प्रदेश सरकार की नई राहंे नई मंजिलें और होम स्टे जैसी योजनाओं ने राज्य के अनछुए और अन्य पर्यटक स्थलों को प्रोत्साहन प्रदान करने मेें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 3539 होम स्टे पंजीकृत किए गए हैं और होम स्टे संचालकों से बिजली की खपत पर घरेलू शुल्क लिया जा रहा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने इस आयोजन में भाग लेने वाले राज्य के पर्यटन मंत्रियों को हिमाचली परंपरा अनुसार सम्मानित किया। सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश के पर्यटन परिदृश्य के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हेवनली हिमाचल नामक एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया। राज्य पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित इस वृत्त चित्र को प्रतिनिधियों द्वारा सराहा गया।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने उद्घाटन सत्र में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का धन्यवाद किया।
केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक, भारत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष संबित पात्रा, पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह, नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल, महानिदेशक पर्यटन मंत्रालय एवं आईटीडीसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जी. कमला वर्द्धन राव, पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राकेश कुमार वर्मा, राज्य पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार, निदेशक अमित कश्यप और कांगड़ा जिले के उपायुक्त निपुण जिंदल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।