स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत 3,419 घरों का निर्माण

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शिमला, 4 जुलाई। प्रदेश सरकार समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण करने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों के घर के सपने को साकार करने के लिए स्वर्ण जंयती आश्रय योजना क्रियान्वित कर रही है। यह योजना भारत सरकार के वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य को साकार करने की दिशा में सहायक सिद्ध हो रही है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्‍ता ने बताया कि स्वर्ण जंयती आश्रय योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों को मूलभूत सुविधाओं से युक्त पक्का मकान उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए एक लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
यह योजना प्रदेश के पात्र लाभार्थियों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करवाने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को बेहतर करने में महत्वूपर्ण भूमिका निभा रही है। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोरोना काल में भी प्रदेश का विकास निर्बाध जारी रहे और लोगों को प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहे।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी परिवार की वार्षिक आय 35 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। प्रदेश में इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-2021 के लिए 51 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपये का बजट आबंटित किया गया और प्रदेश में इस अवधि के दौरान 3,419 घरों का निर्माण किया गया।
इस योजना के अन्तर्गत जिला बिलासपुर को 2.74 करोड़ रुपये, जिला चम्बा को 3.69 करोड़ रुपये, जिला हमीरपुर को 3.25 करोड़ रुपये, जिला कांगड़ा को 10.36 करोड़ रुपये, जिला किन्नौर को 1.02 करोड़ रुपये, जिला कुल्लू को 2.77 करोड़ रुपये, जिला मण्डी को 7.69 करोड़ रुपये, जिला शिमला को 5.55 करोड़ रुपये, जिला सिरमौर को 3.84 करोड़ रुपये, जिला सोलन को 4.78 करोड़ रुपये और जिला ऊना को 3.13 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। इस राशि का उपयोग कर जिला बिलासपुर में 183, जिला चम्बा में 246, जिला हमीरपुर में 217, जिला कांगड़ा में 691, जिला किन्नौर में 68, जिला कुल्लू में 185, जिला मण्डी में 513, जिला शिमला में 370, जिला सिरमौर में 256, जिला सोलन में 319 और जिला ऊना में 207 घर निर्मित किए गए तथा छः घरों का जीर्णोद्धार किया गया।
प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए चम्बा जिले के भरमौर क्षेत्र को 82 लाख रुपये प्रदान कर 54 घरों, पांगी को 73 लाख 50 हजार रुपये प्रदान कर 49 घरों, शिमला जिले के डोडराक्वार को 33 लाख 70 हजार रुपये प्रदान कर 22 घरों, जिला लाहौल-स्पीति को 59 लाख रुपये प्रदान कर 39 घरों का निर्माण किया गया। इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को बेहतर सुविधाओं से युक्त घर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यह योजना आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के घर के सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध हो रही है।

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