बेरोजगारी दर पर भाजपा सरकार को घेरा

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शिमला, 30 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी दर पर एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए सीधे-सीधे भाजपा को आड़े हाथों लिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने जयराम सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी के चलते आज हिमाचल बेरोजगारी की दर में आज देशभर में टॉप 6 राज्यों मे शामिल हो गया है।
शर्मा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब से हिमाचल में जयराम सरकार बनी है तब से विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 2100 पदों को खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा आज राज्य सरकार विभागों में खाली पड़े पद भरने के बजाय उन्हें डाइंग कॉडर में डालकर खत्म कर रही है। पिछले कुछ सालों के दौरान सरकार ने विभिन्न विभागों, बोर्ड और निगमों में 2068 पद खत्म किए हैं। जो पद भरे गए हैं, उनमें से ज्यादातर पदों पर आउटसोर्स-आंशिक व दैनिक भोगी आधार पर कर्मचारी रखे जा रहे है। यानि की इन पदों पर भी अपने चहेतों को नौकरी देकर लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा नौकरी देने के बाद इन कर्मचारियों का जमकर शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में पद खत्म करने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1990 तक अकेले बिजली बोर्ड में 42 हजार से अधिक फील्ड स्टाफ था। अब इनकी संख्या कम होकर लगभग 17 हजार रह गई है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों पदों पर भर्तियां चार साल पहले निकाली गई थी वह भी पूरी नहीं हो पाई है। जो भर्ती प्रक्रिया 2018, 2019 और 2020 में शुरू की गई थी, उनकी प्रक्रिया भी आज तक लटकाई हुई है। इससे युवाओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है और बेरोजगारी दर बढ़ रही है। प्रदेश भर के रोजगार कार्यालयों में 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत हैं जो आए दिनों रोजगार के लिए भटक रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों की चिंता वाजिब है, क्योंकि राज्य में बेरोजगारी दर चिंताजनक है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानि (सीएमआईए) के ताजा आंकड़े के मुताबिक मार्च 2022 में हिमाचल की बेरोजगारी दर 12.1 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि यह देश की 7.6 प्रतिशत है। इस तरह हिमाचल अधिक बेरोजगारी वाले देश के टॉप-6 प्रदेश में शुमार हो गया है। हिमाचल से अधिक बेरोजगारी दर केवल 5 राज्यों हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर व राजस्थान में 25 प्रतिशत और त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और इनमें बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाला है। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने भाजपा विधायकों को अभी से घेरना शुरू कर दिया है। चंद रोज पहले मंडी में भाजपा के एक विधायक से कुछ बेरोजगारों ने कार्यक्रम के दौरान रोजगार को लेकर सवाल किए तो विधायक को मंच से उल्टे पांव भागना पड़ा। भाजपा विधायक इंद्र सिंह युवा का जबाब देने के बजाय जय श्री राम के नारे लगाते नजर आए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। ऐसे और न जाने आने वाले दिनों में कितने वीडियो वायरल होंगे, क्योंकि हिमाचल का युवा ही नहीं बल्कि आम जनता भी भाजपा की नीतियों से दुःखी होकर आज उससे सवाल पूछना चाहती है। लेकिन भाजपा के नेता आज जबाब देने से डरते हैं और जुमलों और झूठ के अलावा कुछ नहीं बोल सकते हैं। विधानसभा चुनाव में जब भाजपा के नेता वोट मांगने युवाओं के बीच जाएंगे तो उन्हें रोजगार को लेकर पढ़े-लिखे युवाओं के सवालों का जवाब देना होगा, क्योंकि युवा पीढ़ी उच्च और व्यावसायिक शिक्षा के लिए महंगाई के दौर में लाखों रुपये खर्च रही है। लेकिन प्रदेश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। इससे राज्य में पढ़े-लिखे शिक्षित बेरोजगारों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
आप प्रवक्ता ने कहा, आखिर जयराम सरकार इतनी संवेदनहीन क्यों हो गई है? जो सिर्फ भ्रष्टाचार के अलावा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का काम का रही है। बेरोजगारों के साथ धोखा करने वाली सरकार को आने वाले चुनाव में मुंह की खानी पड़ेगी। युवाओं के पास अब एक ही विकल्प है आम आदमी पार्टी जो युवाओं को रोजगार क साधन देगी। क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में यह कर दिखाया है। जिसने पांच साल में 12 लाख से ज्यादा युवाओं को दिया है। और आने वाले दिनों में 20 लाख देने की योजना है। जो हिमाचल में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर रोजगार के द्वार खोलेगी।

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