शिमला, 28 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा ने आज यहां वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तीन दिवसीय एडवांस मास्टर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रधान सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीएसटी कार्यान्वयन की विभिन्न चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटान के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर्स को सशक्त करेगा और कर अधिकारियों की सीखने की क्षमता में तेजी लाएगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान जीएसटी राजस्व की उत्कृष्ट वृद्धि से विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही प्रशिक्षण रणनीति की प्रभावशीलता का बखूबी पता चलता है।
प्रधान सचिव ने लक्ष्य से अधिक कर संग्रहण पर विभाग को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से विभाग की क्षमता में और अधिक वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि विभाग शीघ्र ही कर अधिकारियों की क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए जीएसटी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना करेगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार जीएसटी संग्रहण में वृद्धि करने के लिए विभाग की भविष्योन्मुखी पहल के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस ने विभाग की गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग ने वर्ष 2021-22 में वार्षिक लक्ष्य से लगभग 248 करोड़ रुपये अधिक जीएसटी के संग्रह किया, जो कि लगभग 4390 करोड़ रुपये है। इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।