शिमला, 24 मार्च। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा जिले के कन्दरौड़ी औद्योगिक क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश के अगले फार्मास्यूटिकल हब के रूप में चिन्हित किया गया है और इस औद्योगिक क्षेत्र में निवेश के लिए अनेक फार्मास्यूटिकल और न्यूट्रास्यूटिकल इकाइयों ने अपनी रूचि दिखाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्दरौड़ी औद्योगिक क्षेत्र पंजाब और हिमाचल की सीमा पर स्थित है तथा यहां सड़क, रेल और हवाई संपर्क की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दे रही है।
उन्होंने कहा कि कन्दरौड़ी में न्यूट्रास्यूटिकल इकाई स्थापित करने के लिए मेफ्रो ऑरगेनिक लिमिटेड ने आज 100 करोड़ रुपये के निवेश संबंधी समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है, जिसके माध्यम से 200 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व, कन्दरौड़ी औद्योगिक क्षेत्र में 70 करोड़ रुपये के निवेश वाले ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट ऑफ न्यूट्रास्यूटिकलज को स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है, जिससे 300 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इसे मिलाकर क्षेत्र में लगभग 170 करोड़ के निवेश और 500 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को राज्य सरकार द्वारा हरसंभव सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य और विशेषकर कांगड़ा क्षेत्र में औद्योगिक विकास पर विशेष बल दे रही है। राज्य उद्योग विभाग को इन्वेस्टमेंट आऊटरीच प्रोग्राम के तहत क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास से न केवल क्षेत्र की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति ने राज्य सरकार की ओर से समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। मेफ्रो ऑरगेनिक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमित चड्डा ने कंपनी की ओर से समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
डमटाल इंडस्ट्री एसोसिएशन के महासचिव सुभाष महाजन ने कांगड़ा क्षेत्र को औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए स्थानीय उद्योगों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इसके माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।