शिमला, 15 मार्च। प्रदेश के प्रशिक्षित जेबीटी युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार शीघ्र ही शैक्षणिक संस्थानों में जेबीटी के रिक्त पदों को भरने के लिए बैचवाइज भर्ती शुरू करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां विधानसभा परिसर में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग संभवतया सबसे बड़ा विभाग है जहां सबसे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ग के अध्यापकों को सुविधा प्रदान करने के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में कई घोषणाएं की गई हैं। बजट में बीएड और टेट योग्यता प्राप्त शास्त्री और भाषा अध्यापकों के पदनाम को बदलकर टीजीटी (संस्कृत) और टीजीटी (हिन्दी) करने की घोषणा की है। इसी प्रकार प्रवक्ता (स्कूल कैडर) और प्रवक्ता (स्कूल न्यू) का पदनाम प्रवक्ता (स्कूल) किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि अगामी वित्तीय वर्ष के बजट में यह भी घोषणा की गई है कि टीजीटी से पदोन्नत प्रवक्ता को मुख्याध्यापक के रूप में पदोन्नति के लिए एक बार विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान 8412 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की सभी उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद कर्मचारियों के वेतन में एक दिन की भी देरी नहीं हुई है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) के प्रांत महामंत्री डॉ. माम राज पुंडीर ने शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर हमेशा ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री को महासंघ का मांगपत्र भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर और महासंघ के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।