शिमला, 5 मार्च। प्रधान सचिव (सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा) डॉ. रजनीश ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश में ड्रोन प्रशिक्षण के लिए पहला फ्लाईंग स्कूल कांगड़ा जिले के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर में स्थापित किया जाएगा जिसके लिए आज तकनीकी शिक्षा निदेशक विवेक चंदेल और केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्रालय की स्वायतशासी संस्था इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
यह संस्थान सरकारी कर्मचारियों के साथ ही आम लोगों का भी ड्रोन के उपयोग के बारे में मार्ग-निर्देशन करेगा और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगा।
उन्हांेने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वर्ष 2022-23 के बजट संबोधन में राज्य में चार ड्रोन फ्लाईंग स्कूल स्थापित करने की घोषणा की है। प्रदेश में ड्रोन सुविधा का उपयोग दवाईयों की आपूर्ति, कृषि, वानिकी, राहत एवं बचाव, निगरानी, यातायात व मौसम संबंधी निगरानी, अग्निशमन, व्यक्तिगत उपयोग, ड्रोन आधारित फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में किया जा सकेगा। यह प्रदेश में संसक्त, स्वचालित और तीव्र सम्भार तंत्र (लॉजिस्टिक्स) की सुविधा भी प्रदान करेगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर में उम्मीदवारों को जमीनी प्रशिक्षण के लिए भूमि और भवन तथा सिम्यूलेटर की स्थापना के लिए एक कमरा उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी ने राज्य के 100 सरकारी कर्मचारियों को तीन वर्षों के लिए 15 प्रतिशत विशेष रियायत प्रदान करने और राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बीपीएल श्रेणी के 100 छात्रों एवं प्रशिक्षुओं को तीन वर्षों के लिए श्रेणी एक, लघु, मल्टी-रोटर प्रशिक्षण 55 हजार रुपये व 18 प्रतिशत जीएसटी की दरों पर प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है।
इस अवसर पर उप-सचिव तकनीकी शिक्षा ललित विक्रम गौतम, अतिरिक्त निदेशक (आईटी) राजीव शर्मा और ड्रोन प्रशिक्षक चिराग शर्मा भी उपस्थित थे।