शिमला/मंडी, 10 मार्च। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज वर्चुअल माध्यम से मंडी में हंस रीनल केयर सेंटर का लोकार्पण किया और मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए पीटरहॉफ से प्रदेश के विभिन्न भागों के लिए 15 एमएमयू को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को उनके घरों के निकट गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने 7 जनवरी में हंस फाउंडेशन के साथ प्रदेश में 10 डायलिसिस केंद्र और 40 मोबाइल चिकित्सा इकाईयों के संचालन और प्रबंधन के लिए एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क डायलिसिस सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए हंस फाउंडेशन द्वारा प्रदेशभर में 10 डायलिसिस केंद्र संचालित किए जाएंगे। इनमें से मंडी में चार, सोलन तथा शिमला में दो-दो तथा कांगड़ा और किन्नौर में एक-एक डायलिसिस केंद्र संचालित किया जाएगा। प्रत्येक चिन्हित अस्पताल की डायलिसिस इकाई तीन मशीनों के माध्यम से संचालित की जाएगी। संस्थान द्वारा सभी आवश्यक उपकरण, प्रबंधन, मानव संसाधन, दवाएं एवं बिजली तथा पानी की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी से न केवल इस संक्रमण के प्रसार को प्रभावशाली तरीके से रोका, बल्कि टीकाकरण अभियान में भी हिमाचल देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 प्रबंधन में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और प्रयासों की सराहना की। प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जीवनधारा मोबाइल हेल्थ सेंटर द्वारा 10 मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित की जा रही है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत चिकित्सा अधिकारियों द्वारा निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, रक्तचाप जांच, मधुमेह और कैंसर की भी जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि संगठन द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत 40 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जाएंगी। इनके माध्यम से राज्य के कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला और सोलन जिला के कुल 960 गांवों को सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि तीन साल की अवधि में इस पर 67 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का एक अभिनव प्रयास है जिसके माध्यम से कमजोर वर्गों और जरूरतमंद लोगों की स्वास्थ्य संबंधी विषमताओं को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमएमयू कमजोर वर्गों को सीधे तौर पर सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ ही लोगों को किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाएंगी।
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि हंस फाउंडेशन पीड़ित मानवता को सहायता प्रदान करने का परोपकारी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान संक्रमण के प्रसार को रोकने में असाधारण रूप से बेहतर कार्य किया और टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि हंस रेनल केयर सेन्टर में मरीजों को निःशुल्क डायलसिस की सुविधा प्रदान की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर के सक्षम नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य के दूर-दराज के लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की हैं। उन्होंने वर्ष 2022-23 के लिए स्वास्थ्य देखभाल को पर्याप्त बजट की घोषणा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पांच जिलों के लिए मोबाइल स्वास्थ्य देखभाल सुविधा की शुरूआत की गई है और शीघ्र ही अन्य जिलों में भी इस सेवा का विस्तार किया जाएगा। हंस फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संदीप कपूर ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए बताया कि माता श्री मंगला जी और भोले जी महाराज की प्रेरणा से श्वेता रावत ने वर्ष 2009 में इस पंजीकृत सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि यह फाउंडेशन स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और दिव्यांगता के क्षेत्र में पूरे भारत में इन वर्गों के लोगों की जीवनगुणवत्ता के सुधार के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन ने हिमाचल प्रदेश में आजीविका जैसे अन्य क्षेत्रों में अपने कार्यक्रम का विस्तार करने की कार्य योजना भी बनाई है।
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