आपातकाल पर लोगों को गुमराह करने के लिए नकली परिप्रेक्ष्य बना रही कांग्रेस

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धर्मशाला, 25 जून। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनकी विचारधारा का समर्थन करने वाले लोग 26 जून, 1975 को आपातकाल लगाकर भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने के अलोकतांत्रिक कृत्य को छुपाने के लिए एक नकली परिप्रेक्ष्य बना रहे हैं।
आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे भारद्वाज ने धर्मशाला से एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता में बने रहने के लिए आपातकाल लगाया था। भारद्वाज ने कहा, “जब राज नारायण बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले ने इंदिरा गांधी पर संसद के दरवाजे बंद कर दिए, तो उन्होंने आपातकाल लगाने का फैसला किया।
“यह व्यक्तित्व पंथ की राजनीति की कांग्रेस की विचारधारा थी जिसने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया और भारतीय संविधान को बचाने के लिए आवाज उठाने के लिए हजारों लोगों को जेल में डाल दिया था। लेकिन विडंबना यह है कि वही कांग्रेस और वामपंथी अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए एक नकली आख्यान बनाने में लगे हुए हैं, उन्होंने कहा कि यह अपने कुकृत्य को छिपाने के लिए एक दुष्प्रचार के अलावा और कुछ नहीं है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। “आपातकाल के दौरान, कई मीडियाकर्मियों को अत्याचारों का सामना करना पड़ा। अखबारों को सेंसर कर दिया गया था। लोगों को सच बोलने से रोका गया। अब वही विचारधारा घड़ियाली आंसू बहा रही है, और साथ ही साथ मोदी सरकार के खिलाफ नकली प्रोपेगेंडा चला रही है।
मंत्री ने यह भी कहा कि आपातकाल भले ही 46 साल पुरानी घटना हो लेकिन इसने लोकतंत्र को नुक्सान पहुँचाया था उन्होंने कहा, “आने वाली पीढ़ी को कांग्रेस की विचारधारा के इस चेहरे के बारे में पता होना चाहिए।”

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