शिमला, 29 जनवरी। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि बोर्ड अपने उपभोक्ताओं को सुनिश्चित विद्युत आपूर्ति देने के लिए कृतसंकल्प है और इस दिशा में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों अनुसार कई प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सोलन में आयोजित राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व समारोह के दौरान विद्युत क्षेत्र में विभिन्न वर्गों को राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा घरेलू व कृषि विद्युत उपभोक्ताओं के लिए विद्युत बिलों में छूट प्रदान करने की घोषणा कर राहत प्रदान की गई है। राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार वे सभी उपभोक्ता जिनकी बिजली की खपत 60 यूनिट प्रतिमाह है और जिन्हें एक रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल देना पड़ता था, अब उनसे किसी तरह का पैसा नहीं लिया जाएगा। इसमें फिक्स्ड चार्जेस और मीटर रेंट की भी पूरी तरह से छूट रहेगी। इसके साथ ही जिन घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की खपत 125 यूनिट तक है और इन्हें वर्तमान में सरकार द्वारा पहले से ही अनुदान युक्त दर पर एक रुपए 55 पैसे प्रति यूनिट देना पड़ता है, इसमें सरकार ने 55 पैसे की और छूट प्रदान की है। अब इस राहत से इन्हें केवल एक रुपये प्रति यूनिट ही देना होगा।
उन्होंने बताया कि इस तरह 60 यूनिट तक आने वाले वर्ग में लगभग 4 लाख से अधिक घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं और 60 यूनिट से आगे 125 यूनिट तक आने वाले लगभग 7 लाख से अधिक घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार इस छूट का लाभ प्रदेश के लगभग 11 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की यह विशेष रियायतें घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मार्च, 2022 से और कृषि उपभोक्ताओं के लिए अप्रैल, 2022 से दी जाएंगी। दूसरी ओर किसानों को राहत देने के लिए भी बिजली की वर्तमान अनुदान युक्त दरों को 50 पैसे से घटाकर 30 पैसे कर दिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि क्योंकि यह सभी राहतें राज्य सरकार की ओर से हैं और इसलिए राज्य सरकार की ओर से इन राहतों की एवज में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को लगभग 90 करोड़ रुपये सालाना भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सभी राहतें प्रदेश की जनता के हित में हैं। इन राहत और सुविधाओं की घोषणा इसलिए भी की जा रही है कि कोरोना के कठिन समय में पहले भी और अब भी कुछ वर्ग के लोग कई कारणों से विद्युत बिल अदा नहीं कर पाए थे। उनकी विशेष सहायता के लिए भी सरकार ने यह कदम उठाया है और इन सुविधाओं को आगे भी जारी रखा जाएगा।