मंडी में शराब बोटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलंबित, एक अधिकारी सस्पेंड

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file photo source: social media

शिमला, 24 जनवरी। आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मंडी जिले के गलू, जोगिंद्रनगर स्थित बोटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि गत 18 जनवरी को आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा इस बोटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया गया और निरीक्षण के दौरान इसमें कुछ अनियमितताएं पाई गई। आज इस बोटलिंग प्लांट के निदेशक का पक्ष सुनने के पश्चात आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी, हिमाचल प्रदेश द्वारा प्लांट के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है तथा विभाग द्वारा नियमानुसार इस मामले में आगामी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ भी आगामी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि गत कुछ समय में विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में स्थित के बोटलिंग प्लांटों की चैकिंग के दौरान अनियमताओं के नौ मामले पकड़े गए हैं। इनमें सिरमौर जिले स्थित एक बोटलिंग प्लांट स्प्रिट भंडारण से संबंधित अनियमितता पाए जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए प्लांट से 32.27 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। सोलन जिले की एक इकाई पर भी कार्यवाही की गई और उसका लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है और रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है। इन सभी मामलों में विभागीय कर्मचारियों केा प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है व इन सभी के खिलाफ आगामी अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में जा रही है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आबकारी राजस्व का संग्रहण कार्य राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा किया जाता है। विभाग राज्य की वित्तीय संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य का अधिकांश राजस्व एकत्र करता है। यह राजस्व विभाग द्वारा लागू किए गए विभिन्न आबकारी व कर अधिनियमों के अंतर्गत् जारी विभिन्न लाइसेंसों के माध्यम से आबकारी शुल्क के रूप में एकत्र किया जाता है। आबकारी विभाग द्वारा मदिरा निर्माण व मदिरा की थोक तथा खुदरा बिक्री के लिए विभिन्न प्रकार के लाइसेंस आवेदन पर नीलामी व निविदा द्वारा जारी किए जाते हैं।
विभाग के अधिकारी आबकारी अधिनियम के अंतर्गत् बनाए गए प्रावधानों और मानकों के अनुरूप आबकारी राजस्व को सुरक्षित करने के लिए समय-समय पर मासिक व त्रैमासिक आधार पर मदिरा के निर्माण एवं बिक्री से संबंधित सभी परिसरों का निरीक्षण करते हैं व किसी भी प्रकार की अनियमतताएं पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी राजस्व में किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने बीते कुछ महीनों में खुदरा एवं थोक दुकानों के निरीक्षण के दौरान अनियमताओं के कुल 151 मामले पकड़े हैं, जिनमें जिला कांगड़ा में मदिरा के थोक विक्रेताओं के दो मामले और ऊना जिले में एक मामला एवं बिलासपुर जिले में 1 मामला पकड़ा गया है, जिसमें विभाग द्वारा 8.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और तीन लाइसेंस रद्द किए हैं तथा एक थोक विक्रेता के विरूद्व पुलिस में एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई गई है। खुदरा बिक्री की दुकानों में भी विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। किसी भी प्रकार की अनियमतता करने वाले अनुज्ञापियों के विरूद्व विभाग सख्त कार्यवाही कर रहा है।

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