हिमाचल में महिला गृह रक्षकों को मिलेगा 180 दिन का मातृत्व अवकाश

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शिमला, 6 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां रिज मैदान में हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 62वें राज्यस्तरीय राइजिंग डे कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस वर्ष पहली बार राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के दौरान कमांडर विनय कुमार के नेेतृत्व में 17 टुकड़ियां परेड में शामिल हुई। प्लाटून कमांडर लता राही के नेतृत्व में महिला टुकड़ी दल, संबंधित कमांडर के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न जिलों की टुकड़ियों ने परेड का शानदार प्रदर्शन किया। गृह रक्षा जवानों द्वारा बैटल मार्चपास्ट और गृह रक्षा बैंड के द्वारा संगीत में प्रस्तुति भी दी गई। सुरक्षित हिमाचल थीम पर गृह रक्षा के जवानों ने आपदा प्रबंधन तकनीक को प्रदर्शित किया।
मुख्यमंत्री ने महिला गृह रक्षकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करने, प्रदेश के बाहर तैनाती के दौरान गृह रक्षकों के दैनिक भत्ते को 60 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने की घोषणा की जिसके लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गृह रक्षा बल को सुदृढ़ करने के लिए 700 रिक्त पदों को भरेंगी। इसके अतिरिक्त, पालमपुर और कांगड़ा इकाई परिसर में एसडीआरएफ मुख्यालय के निर्माण और संचार प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए धन आबंटित किया जाएगा। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए एसडीआरएफ नियंत्रण कक्ष में नए दूरभाष नंबर स्वीकृत करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन की क्षमताओं में सुधार करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर ड्रोन स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आपदा के कुशल प्रबंधन में गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा कर्मियों के समर्पित कार्यों और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आपदा प्रबंधन बल के आधुनिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए आधुनिक उपकरण और पर्याप्त धनराशि आबंटित करने की दिशा मे कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में एसडीआरएफ के पास 5 किलोग्राम की क्षमता तक वजन उठाने में सक्षम ड्रोन है और आपदा के प्रबंधन की दिशा में अधिक क्षमता वाले ड्रोन की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाएगी।
गृह रक्षा राइजिंग डे के अवसर पर अपनी शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने गृह रक्षकों, अग्निशमन विभाग के कर्मियों और एसडीआरएफ के अतुलनीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने विनाशकारी आपदा के दंश को झेला है जिसमें जानमाल का अत्याधिक नुकसान हुआ था। उन्होंने स्वयं ग्राउंड जीरो में रह कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और सभी के सहयोग से 75 हजार पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहंुचाना सुनिश्चित किया, जिनमें लाहौल-स्पीति के चन्द्रताल में फंसे 300 पर्यटक भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि आपदा के प्रबंधन में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और विधायक संजय अवस्थी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति के दौरान अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आज से 6 जनवरी 2025 तक राज्यस्तरीय आपदा प्रबंधन जागरूकता अभियान आरंभ किया जाएगा और इसे जनभागीदारी से सफल बनाना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न चुनौतियों से सामुदायिक भागीदारी से सफलतापूर्वक निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपदा की तैयारियों को और अधिक सुदृढ़ करने के दृष्टिगत राज्य आगामी पांच वर्षों में राज्य की एक प्रतिशत आबादी को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के रूप में प्रशिक्षित करने की योजना तैयार कर रही है। गृह रक्षा ने पिछले एक दशक के दौरान लगभग 31 हजार बचाव एवं राहत अभियान संचालित किए हैं, जिसमें 3600 बहुमूल्य जीवन और 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की रक्षा की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एसडीआरएफ की अधोसंरचना में सुधार करने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा की स्थिति में गृह रक्षा को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में नामित कर रही है और एसडीआरएफ के अंतर्गत् एकीकृत किया जा रहा है ताकि त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में होमगार्ड्स की 74 कंपनी कार्यालयों और 12 प्रशिक्षण केंद्रों को आपदा प्रतिक्रिया केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य की अग्निशमन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत दो वर्ष में नादौन, देहरा, इंदौरा और कोटखाई में चार नए अग्निशमन केंद्र स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 240 पद सृजित किए गए हैं तथा विभाग की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए 8 अग्निशमन वाहन खरीदने को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अग्निशमन सेवाओं के विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने मार्च पास्ट में नरेश शर्मा के नेतृत्व में शिमला बटालियन को सर्वश्रेष्ठ बटालियन पुरस्कार से सम्मानित किया और सर्वश्रेष्ठ यूनिट का पुरस्कार कंमाडेंट जनरल सतवंत अटवाल को मिला। इसके अलावा विनोद कुमार तथा दिवंगत प्रवीण कुमार को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया। दिवंगत प्रवीण कुमार का अवार्ड उनकी धर्मपत्नी मीरा देवी को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनियों का अवलोकन किया तथा उनमें गहरी रूचि दिखाई।
होमगार्ड कंमाडेंट जनरल सतवंत अटवाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विभाग की गतिविधियों से अवगत करवाया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरीश जनारथा, अजय सोलंकी, सुदर्शन बबलू, मलिंदर राजन, हरदीप सिंह बावा, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, पूर्व महापौर जैनी प्रेम और सोहन लाल, पार्षदगण, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी और पुलिस व होमगार्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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