‘अवैध व नकली शराब में संपत्ति जब्ती के प्रावधान वाला पहला राज्य बना हिमाचल‘

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file photo source: twitter/ani

शिमला, 14 सितंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि अवैध और नकली शराब के मामलों में संपत्ति जब्त करने का प्रावधान बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि अवैध और नकली शराब बनाने के धंधे में संलिप्त लोगों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम 2011 में संशोधन कर इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल लोगांे पर नकेल कसने के लिए यह प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण संशोधन अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों की संपत्ति को जब्त करने की अनुमति देता है।
सुक्खू ने कहा कि इससे पहले अधिनियम में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इसके अलावा, इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए, इन अपराधों को अब संज्ञेय और गैर-जमानती बना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नए प्रावधान अवैध शराब के धंधे जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करने में बहुत मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि संशोधनों में अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने में वृद्धि और सजा की अवधि को भी बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि नाबालिगों को शराब बेचना और शराब बेचने के लिए उनका इस्तेमाल करना बहुत गंभीर मसला है। इसके समाधान के लिए नए कानून में अब अपराधियों को दंड और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है। अपराधियों को छह माह जेल की सजा और 50 हजार तक का जुर्माना किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों कोे प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए प्रवर्तन एजेसियों को सशक्त किया जा रहा है। इस तरह के मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए आबकारी पुलिस फोर्स के गठन का भी प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने मंडी में वर्ष 2022 में हुई घटना को दोहराया जहां नकली शराब पीने से आठ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि नकली शराब के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूरी सख्ती बरती जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी और इस्तेमाल से निपटने के लिए भी कई कदम उठा रही है।
राज्य सरकार 1200 से अधिक पुलिस कर्मियों की भर्ती कर रही है जिसका मुख्य उद्देश्य इस तरह की गतिविधियों से निपटना होगा।

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