शिमला/केलांग, 3 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में अब लाहौल-स्पीति में बादल फटने से दो पुल क्षतिग्रस्त हो गए। बादल लाहौल-स्पीति के दारचा-शिंकुला मार्ग पर दारचा से लगभग 16 किमी दूर शुक्रवार देर रात फटा। जिससे पुराना व नया पुल क्षतिग्रस्त हो गए। बादल फटने से शिंकुला दर्रा होकर दारचा से जांस्कर सड़क मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है।
उधर, काजा उपमंडल के सगनम गांव में शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बादल फटने से एक महिला की मौत हो गई। वहीं, समेज, बागीपुल व राजबन में बादल फटने के दो दिन बाद भी 46 लोगों का पता नहीं चल पाया है। रामपुर के समेज में 36 लोग लापता हैं। अब तक सात लाशें मिल चुकी हैं। इस बीच, प्रदेश के कई भागों में अभी भी भारी बारिश हो रही है, जिससे जगह-जगह जलभराव और भू-स्खलन हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमा सड़क संगठन दारचा के पास बादल फटने से बंद दारचा से जांस्कर सड़क मार्ग को बहाल करने में जुटा है। बादल फटने से हुए नुकसान को देखते हुए करीब 2-3 दिन का समय लग सकता है। जिला प्रशासन ने लोगों से कहा है कि इस मार्ग पर यात्रा करने से बचें और दारचा से शिंकुला सड़क का उपयोग तब तक न करें जब तक इसे उपयोग के लिए सुरक्षित घोषित न कर दिया जाए। एसपी लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी ने कहा कि दारचा-शिंकुला मार्ग बंद हो गया है।
उधर, काजा उपमंडल के सगनम गांव में शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बादल फटने से जंगमो (55) पत्नी पदम दुर्जे निवासी सगनम की मौत हो गई। बादल फटने से बाढ़ के साथ आए मलबे में एक गाड़ी भी दब गई। अतिरिक्त उपायुक्त की अगुवाई में उपमंडलाधिकारी नागरिक, नायब तहसीलदार और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की एक टुकड़ी और पुलिस दल बचाव कार्य में जुट गए हैं।
191 सड़कें ठप
प्रदेश में जगह-जगह भू-स्खलन से आज सुबह 10 बजे तक तीन नेशनल हाइवे व 191 सड़कें यातायात के लिए ठप रहीं। इसके अतिरिक्त 294 बिजली ट्रांसफार्मर व 120 जल आपूर्ति स्कीमें भी बाधित हैं। सबसे ज्यादा सेवाएं चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी व शिमला में प्रभावित हैं।
मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कुछ भागों में पांच दिन भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार राज्य के कुछ स्थानों पर 3 से 7 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट है। राज्य के कुछ स्थानों पर 9 अगस्त तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।
पहाड़ी से अचानक गिरे बड़े-बड़े पत्थर
चंबा-चुवाड़ी वाया जोत मार्ग पर जोत के समीप पहाड़ी दरकने के बाद वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। मार्ग के बंद होने से चंबा और चुवाड़ी की ओर से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। दोपहर 2 बजे के करीब अचानक पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर आ गए। सूचना मिलने के बाद विभागीय मशीनरी और लेबर मौके पर पहुंची। कड़ी मशक्कत के बाद भी खबर लिखे जाने तक मार्ग यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाया। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता शैलेंद्र राणा ने बताया कि मार्ग बंद होने की सूचना मिलने के बाद विभागीय लेबर और मशीनरी मौके पर पहुंच चुकी है।
सात मवेशियों को बचाया
मणिकर्ण घाटी के बलाधी गांव में बादल फटने के बाद बने टापू में आज फिर से बचाव अभियान चलाया गया। नेगी ब्रदर्स रेस्क्यू टीम और दमकल विभाग के कर्मियों की एक टीम ने टापू पर फंसे मवेशियों को बचाया। लंबे संघर्ष के बाद टीम मवेशियों को सुरक्षित निकाला गया। नेगी ब्रदर्ज रेस्क्यू टीम के चीफ ऑफिसर छापे राम नेगी ने कहा कि टापू से लोग पहले ही निकाले थे, ऐसे में इनकी देखभाल करने वाला अब यहां पर कोई नहीं बचा था।