इस कड़ी में कांगड़ा जिले के देहरा उप-मंडल के बनखंडी में निर्मित किए जा रहे दुर्गेश अरण्य वन्य प्राणी उद्यान का पहला चरण जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। यह प्राणी उद्यान 180 हेक्टयेर में फैला हुआ है और लगभग 619 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 3 वर्ष के भीतर तीन चरणों निर्मित किया जाएगा। यह प्राणी उद्यान क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसके निर्माण के लिए इस साल 24 मई को केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इसके अतिरिक्त प्राणी उद्यान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हिमुडा बाढ़बंदी कार्य तथा जल संरक्षण गतिविधियों और जल निकासी व्यवस्था जैसे कार्य सुनिश्चित करेगा।
इस प्राणी उद्यान में वॉक-इन-एवियरी, मोनोरेल सफारी, वॉक-इन-एक्वेरियम, नेचुरल ट्रेल पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगेे। प्रथम चरण के अन्तर्गत आगन्तुकों के लिए बाघ और शेर के बाड़े तैयार किए जाएंगे। द्वितीय एवं तृतीय चरण के अन्तर्गत भालू और तेन्दुए की सफारी की भी सुविधा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त वन विभाग द्वारा हिम तेन्दुओं के लिए अलग से खंड बनाने की योजना तैयार की जा रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सैलानियों को आकर्षित करने के लिए प्राणी उद्यान के प्रवेश द्वार पर स्थानीय जीवन शैली को प्रदर्शित करती हुई कांगड़ा गांव की एक प्रतिकृति स्थापित की जाएगी। लोगों की सुविधा के लिए पर्याप्त पार्किंग, इलैक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन और अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। प्राणी उद्यान में आने वाले लोगों और जानवरों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए वन विभाग को स्थानीय प्रजाति के पेड़-पौधे लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्राणी उद्यान कांगड़ा जिले को हिमाचल की पर्यटन राजधानी के रूप में स्थापित करने में मील पत्थर साबित होगा और इससे क्षेत्र में पर्यटकों के आगमन में बढ़ोतरी होगी।