राज्यपाल ने सड़क सुरक्षा पुरस्कार प्रदान किए

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राज्यपाल आज यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित सड़क सुरक्षा पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों और प्रवर्तन का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है जिसके लिए प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय और संस्थान के समर्पण और प्रयासों की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है इसलिए यहां सड़क सुरक्षा की चुनौतियां अधिक हैं। हालांकि इन चुनौतियों का सामना करने का हमारा संकल्प और भी मजबूत है। सुरक्षात्मक उपायों, जागरूकता और नवीन रणनीतियों के माध्यम से हम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में अच्छी सड़क सुविधा के कारण यहां पर्यटकों की आमद वर्षभर अधिक रहती है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पर्यटन सीजन के दौरान और सप्ताहांत में औसतन 10 हजार वाहन राज्य में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है और प्रतिदिन औसतन 450 वाहनों का पंजीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग और अन्य विभाग संयुक्त रूप से सड़क दुर्घटनाओं के इस खतरे को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करना अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण ही वर्ष, 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान सड़क यातायात दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।
राज्यपाल ने सड़क सुरक्षा पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोगों को बधाई देते हुए कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है।
इससे पहले राज्यपाल ने सड़क सुरक्षा में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुलिस कर्मियों, लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों और मीडिया कर्मियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने पुलिस विभाग द्वारा तैयार किया गया सड़क सुरक्षा गीत भी जारी किया।
इससे पहले, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से उन्होंने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाया है और इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष, 2021 तक 100 दुर्घटनाओं में 44 मौतें होती थीं, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 37 हो गया है। ब्लैक स्पॉट की पहचान करने से दुर्घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस विभाग आधुनिक सुविधाएं अपनाकर और अन्य सहयोगी विभागों के सहयोग से लोगों को जागरूक कर रहा है, उससे आने वाले समय में प्रदेश में काफी बदलाव नजर आएगा।
इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक गुरदेव चंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित एक प्रस्तुति दी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, गृह एवं नागरिक सुरक्षा राकेश अग्रवाल, पुलिस, लोक निर्माण एवं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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