उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक शिक्षा प्रदान की जाए तथा इसमें मशीनरी और उपकरणों के उत्तम उपयोग का समावेश भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर विद्यार्थियों के कौशल उन्नयन के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
राजेश धर्माणी ने निदेशालय स्तर पर इंटर्नशिप और पलेसमेंट के लिए एक समर्पित सेल स्थापित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने नवीन प्रौद्योगिकी आधारित तकनीकी पाठ्यक्रमों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि सभी पाठ्यक्रमों की नियमित रूप से समीक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पेशेवर नैतिकता, वित्तीय और परियोजना प्रबंधन, रेट्रोफिटिंग प्रौद्योगिकी, कृषि मशीनें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विदेशी भाषाएं, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे नए विषय आरम्भ किये जाएं। उन्होंने विभाग में तकनीकी उत्सव आयोजित करने के निर्देश भी दिये जिसमें सभी तकनीकी और व्यावसायिक संस्थान भाग लेंगे। उत्सव में प्रशिक्षुओं द्वारा अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए गए कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा।
निदेशक तकनीकी शिक्षा अक्षय सूद ने विभिन्न तकनीकी संस्थानों में चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।