शिमला, 18 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को ‘प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र’ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों से जारी भारी बारिश, बादल फटने और भू-स्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई हैं। प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल होने पर संबंधित जिलों और विभागों द्वारा संपत्ति, पशुधन, आधारभूत संरचना और अन्य नुकसान का आंकलन कर पुनर्निर्माण और उपयुक्त कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आपदा की इस घड़ी में प्रदेश को दिल खोलकर सहायता प्रदान करने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में जनजीवन को पटरी पर लाते हुए सामान्य व्यवस्था बनाने संबंधी गतिविधियों में और तेजी लाई जा सके।
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