शिमला, 30 जून। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही के अपने अमेरिका दौरे के दौरान वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत कम करने का फैसला प्रदेश के बागवानों के साथ एक बड़ा धोखा है जिसकी प्रदेश सरकार एवं कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर बागवानों के साथ खड़ी है।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए नरेश चौहान ने केंद्र सरकार के इस फैसले को बागवान विरोधी करार देते हुए कहा कि हमारी सरकार आयात शुल्क को 100 प्रतिशत करने की इस मांग को केंद्र सरकार के साथ उठाएगी ताकि सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा सके।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 और 2019 में प्रदेश के लोगों ने वायदा किया था कि वह सेब पर आयात शुल्क बढ़ाएंगे लेकिन वह आज अपने वायदे से मुकर गए है। हिमाचल को अपना दूसरा घर मानने वाले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आयात शुल्क 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करना प्रदेश के बागवानों के साथ उनकी वादाखिलाफी है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक फल राज्य है जिसे सेब राज्य के नाम से जाना जाता है और देश की आर्थिकी में सेब उत्पादन का अहम योगदान है क्योंकि प्रदेश की लगभग 7 लाख आबादी बागवानी व्यवसाय से जुड़ी है जबकि प्रदेश के 6 से 7 जिलों में सेब की खेती की जाती है जहां डेढ़ लाख परिवार सीधे तौर से इस व्यवसाय से जुड़े हैं। उन्होेंने कहा कि प्रदेश में सेब उत्पादन एक बड़ा उद्योग है जो मजदूर से लेकर रेहड़ी वाले तक प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार का प्रमुख साधन है।
प्रदेश भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता इस मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट करे कि वह किसानों एवं बागवानों के साथ हैं अथवा उनके विरोधी हैं। कांग्रेस पार्टी और प्रदेश के 75 लाख लोग यह जानना चाहते हैं कि इस मुद्दे पर भाजपा का क्या रूख है। उन्होंने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से भी इस बारे आग्रह करेंगे कि वह भी अपने स्तर पर केन्द्र सरकार से बात करें बागवानों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करें।
नरेश चौहान ने कहा कि दो सालों में कार्टन बक्सों की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ है लेकिन अब इनकी कीमतों में 11 से 23 प्रतिशत की कमी आएगी जिससे बागवानों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा और उन्हें राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि कार्टन बक्सों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह एक महत्वपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों एवं बागवानों की समस्याओं से भली भांति अवगत है जिन्हें हल करना सरकार सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि इस बार प्री-मानसून शुरू हो गया है और प्रदेश में भारी बारिश के कारण सड़कों और पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं वह बरसात के मौसम में पूरी तरह तैयार रहें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग सहित सभी उपायुक्तों को उन्होंने सख्त हिदायत दी है कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्य समय रहते आरंभ करे ताकि बागवानों के उत्पाद मंडियों तक पहंुचाया जा सके।
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