शिमला, 20 जून। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है और स्वतंत्रता आंदोलन, अध्यात्म, कला से लेकर राष्ट्र निर्माण तक इस राज्य के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राज्यपाल आज कालीबाड़ी हॉल में कालीबाड़ी शिमला ट्रस्ट के सहयोग से राज भवन द्वारा आयोजित राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल अपने गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति और साहित्य के लिए जाना जाता है। अपनी समृद्ध विरासत और विविधता के साथ, इस राज्य ने सद्भाव और समावेशिता का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों का घर है और यह एकता हमारी ताकत भी है। उन्होंने कहा कि बंगाल भारतीय धर्म, कला, संस्कृति, अध्यात्म और दर्शन की भी धरती रही है। यह कई महान क्रांतिकारियों की जन्मस्थली भी रहा है। स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, सुभाष चंद्र बोस, जगदीश चंद्र बोस, स्वामी रामकृष्ण परमहंस आदि कई महान हस्तियों का जन्म यहीं हुआ था।
शुक्ल ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने साहित्य, कला और सिनेमा से लेकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान से नए मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा, काली पूजा जैसे सांस्कृतिक उत्सव हमारी पहचान के प्रतीक बन गए हैं, जो न केवल इस राज्य में बल्कि पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।
शुक्ल ने कहा, ‘‘विविधता में एकता की भावना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस मनाने की पहल की है और यह पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सहायक है।’’ उन्होंने कहा कि इन आयोजनों के पीछे केवल यही मंशा है कि हम भी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को साकार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारत की एकता का भी एक मजबूत उदाहरण है।
इससे पहले, राज्यपाल ने कालीबाड़ी मंदिर में पूजा अर्चना की और भगवान जगन्नाथ की प्रतिकात्मक पवित्र रथ यात्रा में भाग लिया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हिमाचल में बसे पश्चिम बंगाल के लोगों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने वाला एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
इससे पूर्व कालीबाड़ी शिमला ट्रस्ट के अध्यक्ष एन.के. बनर्जी ने राज्यपाल का स्वागत किया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कालीबाड़ी मंदिर ट्रस्ट के पूर्व सचिव कलोल प्रमाणिक ने कालीबाड़ी के ऐतिहासिक महत्व और पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस की सारगर्भित जानकारी दी।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने आभार व्यक्त किया।
न्यासी डॉ. ए.आर. बसु, न्यास के सचिव सोमनाथ प्रमाणिक, न्यास के अन्य पदाधिकारी और यहां रहने वाले पश्चिम बंगाल राज्य के प्रमुख लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।