शिमला, 11 जून। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिले के टांडा स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में दो रोबोटिक कैथलैब स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस संबंध में कॉलेज प्रशासन को विस्तृत प्रस्ताव देने को कहा गया है। रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत कर राज्य में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में यह पहला कदम है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाना में भी रोबोटिक सर्जरी सुविधाएं शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इन संस्थानों से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्राप्त हुई है, जिसकी विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है। इस उद्देेश्य के लिए सैद्धांतिक रूप से 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और राज्य सरकार इसके लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा प्रक्रियाओं के संचालन में रोबोटिक कैथलैब क्रांति ला सकती है। रोबोटिक्स तकनीक का उपयोग सर्जरी के दौरान सटीकता, बेहतर दृष्टि और अधिक नियंत्रण प्रदान कर सकता है। इससे सर्जरी के दौरान जटिलताओं में कमी आएगी और रोगी शीघ्र स्वस्थ होंगे।
उन्होंने कहा कि कैथलैब एक विशेष चिकित्सा सुविधा है, जो मुख्य रूप से कार्डियोलॉजी (हृदय रोग विज्ञान) के क्षेत्र में मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी के लिए इमेजिंग तकनीक का उपयोग करती है। कैथलैब में रोबोटिक तकनीक को शामिल कर सर्जरी के दौरान सटीकता और दक्षता में काफी वृद्धि की जा सकती है, जो रोगियों, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों के लिए फायदेमंद होगी।
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार आधुनिक चिकित्सा तकनीक में निवेश करने की योजना बना रही है, जो दो उद्देश्यों की पूर्ति करेगी। प्रथम उद्देश्य के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य के लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नवीनतम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हांे। दूसरे उद्देश्य के अंतर्गत् राज्य में चिकित्सा उपचार के इच्छुक आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए राजस्व भी उत्पन्न करेगी।