हिमाचल में वित्तीय अनुशासन व समग्र विकास सरकार का मुख्य ध्येय

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धर्मशाला, 23 मई। कांगड़ा जिले दौरे के पहले दिन मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
धर्मशाला स्थित मिनी सचिवालय पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के बारे मंे अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने अधिकारियों को विकास परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप मंे विकसित करने से यहां पर पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी जिससे राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगेे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य सरकार के सभी प्रयासों के परिणाम आगामी तीन वर्षों के भीतर सामने आएंगे।
बैठक के दौरान ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य की ऋण सीमा को 5,500 करोड़ रुपये कम करने के बावजूद प्रदेश सरकार ने कांग्रेस पार्टी के प्रतिज्ञा-पत्र को अक्षरशः पूरा करते हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन को बहाल किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के अनुरूप जल-उपकर लगाने का निर्णय लिया गया है और राज्य की 87 परियोजनाओं को इस अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों की नीलामी के निर्णय के परिणामस्वरूप राजस्व में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रदेश को विकास पथ पर आगे ले जाने के लिए राज्य सरकार के दृढ़ निश्चय पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की। उन्होंने हरित ऊर्जा, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में राज्य सरकार के महत्त्वपूर्ण सुधारों के बारे मंे भी चर्चा की। राज्य के लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें, इसके लिए प्रशासनिक सुधार भी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनका इरादा केवल सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन सुनिश्चित करना है।

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