‘मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना’ महिलाओं के सम्मानजनक जीवनयापन की दिशा में कारगर कदम

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शिमला, 13 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश सरकार महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में कई कारगर कदम उठा रही है ताकि महिलाएं समाज में सम्मानजनक जीवनयापन कर सकें। इसी कड़ी में राज्य सरकार शीघ्र ही ‘मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना’ शुरू करने जा रही है जिसके तहत पात्र विधवाओं और एकल नारियों को आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इस वित्तवर्ष के दौरान ऐसी लगभग 7000 महिलाओं को इस योजना के तहत डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाओं की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजना को अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है तथा इस योजना के तहत पात्र विधवाओं और एकल महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल से ऐसी महिलाओं को संबल मिलेेगा जो आर्थिक तंगी के कारण अपने आवास का निर्माण करवाने में असमर्थ है। इस योजना की मदद से ये महिलाएं अब अपना घर बनाने में सक्षम होंगी। इससे न केवल महिलाओं को रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान उपलब्ध होगा अपितु इससे महिलाओं में स्वामित्व और सशक्तिकरण की भावना भी सुदृढ़ होगी।
इसके अलावा, इस योजना के तहत निर्मित घरों में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी। इस योजना के तहत यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं के पास अपने दैनिक जीवनचर्या के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह योजना विधवाओं और एकल नारियों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें समाज में सम्मानित जीवन जीने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इन कमजोर समूहों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के सरकार के प्रयासों से राज्य में समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार समाज के वंचित वर्गों के कल्याण पर विशेष ध्यान दे रही है। वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तुत बजट में इस दिशा में कई पहल की गई हैं। समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं जिसके परिणाम आने वाले समय में स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे।

जनजातीय क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बहुआयामी प्रयास

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