शिमला, 12 मार्च। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने परीक्षाओं में शुचिता बनाए रखने तथा अनुचित साधनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसके पीछे सरकार का ध्येय ईमानदार व परिश्रमी छात्रों को प्रोत्साहित करना है।
रोहित ठाकुर ने बताया कि सभी निजी और सरकारी संस्थानों को परीक्षाओं के दौरान कड़ी निगरानी रखने के लिए उचित कदम उठाने तथा दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में कदाचार एक गंभीर चिंता का विषय है तथा इससे परीक्षा आयोजित करने का संपूर्ण उद्देश्य ही निष्फल हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षाएं सुनिश्चित करने तथा कदाचार को रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय कर रही है। परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए विश्वविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों के स्तर पर एक विशेष उच्च स्तरीय समिति गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह समिति परीक्षाओं में किसी भी प्रकार के कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए उत्तरदायी होगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं अन्य संस्थानों को परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान नकल करते और करवाते हुए पकड़े जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करवाने के दृष्टिगत उड़नदस्तों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। यह उड़न दस्ते परीक्षाओं के दौरान औचक निरीक्षण करेंगे। उन्हांेने कहा कि शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निगरानी रखने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को गंभीरता से ले रही है और इसमें किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।