मुख्य सचिव ने 4-जी सेचुरेशन परियोजना के तहत लक्ष्यों को समयबद्ध प्राप्त करने के लिए वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत स्वीकृतियां प्रदान करने के मामलों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पीएम गतिशक्ति स्टेट मास्टर प्लान पोर्टल के तहत अतिरिक्त डेटा लेयर के एकीकरण के लिए भी ज़रूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों को गुणवत्तापूर्ण संचार सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत फाइबर युक्त मोबाइल टावर स्थापित करने के लिए संबंधित एजेंसियों को आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने को भी कहा।
उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी की भूमिका अहम है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की सुविधा से ई-शासन, पारदर्शिता, वित्तीय समावेशन और व्यापार करने में सुगमता सुनिश्चित होगी। इससे सभी क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि नागरिकों को ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए संबंधित हितधारकों के लिए रणनीति तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने का दायित्व राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान के लक्ष्यों में निहित है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सभी ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गति की ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध करवाने तथा फाइबर युक्त नेटवर्क को बढ़ाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
बैठक में प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव शहरी विकास देवेश कुमार, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. अभिषेक जैन, सचिव ग्रामीण विकास प्रियातु मंडल, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी मुकेश रेपस्वाल, भारत संचार निगम लिमिटेड, दूरसंचार विभाग भारत सरकार, वन विभाग और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे। सेलुलर ऑपरेशन्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया एवं डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।