शिमला, 26 जनवरी। 40 वर्ष से भी अधिक समय तक जन सेवा, सामाजिक सरोकारों के निर्वहन और संघर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का जीवन सरलता और सहजता की मिसाल है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू उन संस्कारों को उजागर कर बहुत ही सहजता से अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हैं जो उन्हें धरोहर के रूप में अपने पूर्वजों से मिली हैं।
मुख्यमंत्री की जीवनशैली सभी को नित नई प्रेरणा देकर उनके व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करती है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू पूर्ण राज्यत्व दिवस के राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करने के उपरांत बुधवार शाम हमीरपुर से शिमला के लिए सड़क के रास्ते रवाना हुए तो बीच रास्ते घाघस के समीप बागी बनौला में मशहूर बहादुर ढाबे पर अचानक शाम करीब आठ बजे खाना खाने के लिए रुक गए। ढाबे पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री को अपने बीच देखकर खाना खा रहे लोग और ढाबे का स्टाफ अचंभित हो गया। उन्होंने ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वागत किया और उन्हें मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने पर बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने ढाबे में मौजूद आम लोगों के साथ मक्की की रोटी के साथ दाल और कढ़ी का स्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने ढाबे के खाने की तारीफ की, लोगों से संवाद भी किया और कहा कि अपना फीडबैक देते रहें ताकि व्यवस्था परिवर्तन का बीड़ा जो वर्तमान प्रदेश सरकार ने उठाया है उसे पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से आग्रह किया कि हिमाचल घूमने आते रहें। दो साल में आपको हिमाचल की बदली हुई तस्वीर दिखाई देगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पर्यटन हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य आधार है, जिससे हजारों परिवारों का रोजगार मिलता है। इसीलिए प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। पर्यटन क्षेत्र को और सुदृढ़ करने के लिए नई नीति भी लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह करीब आधे घंटे तक बनौला में बहादुर ढाबे पर रुके और लोगों से खुलकर बातचीत की। आस-पास के लोगों को जैसे ही पता चला कि मुख्यमंत्री वहां रुके हैं, तो वह भी मिलने के लिए पहुंच गए और अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने सबकी बात ध्यान से सुनीं और सभी को पूरा समय दिया।
यह सुनिश्चित करने के बाद कि उनके स्टाफ ने भी खाना खा लिया है, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का काफिला शिमला की ओर रवाना हो गया। ढाबे में मौजूद हर आदमी की जुबान पर एक ही लफ्ज था कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जी आम आदमी के मुख्यमंत्री हैं और सीएम बनने के बाद भी उनकी सादगी बरकरार है।
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