- विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ आधारभूत ढांचे के सृजन पर बल
शिमला, 22 जनवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश की सत्ता संभालते ही युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए बहुआयामी प्रयास आरंभ कर दिए हैं। बात स्कूली स्तर से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों और आधारभूत ढांचे के सृजन की हो या गुणात्मक शिक्षा की, मुख्यमंत्री ने शिक्षा के हर आयाम को सशक्त करने की विस्तृत योजना तैयार की है।
शिक्षा क्षेत्र को संबल प्रदान करने के लिए पाठ्यक्रम, तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी और खेलों का समायोजन भी किया जाएगा। छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने व उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किया जाएगा। इन स्कूलों में वह हर आधुनिक सुविधा उपलब्ध होगी जो वर्तमान में उच्च स्तरीय निजी स्कूलों में उपलब्ध करवाई जा रही है। इन स्कूलों में छात्रों को शिक्षा, भाषा, खेल और अन्य क्षेत्रों में निपुण बनाने के लिए बहुआयामी शैक्षणिक ढांचे का सृजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री छात्रों को खेलों के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए समुचित अवसर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने खेल और शिक्षा का समायोजन करने की योजना बनाई है। राज्य में निकट भविष्य में खेल स्कूल और खेल महाविद्यालय भी खोले जाएंगे। जहां छात्रों को खेलों के क्षेत्र में भविष्य संवारने के अवसर प्रदान किए जाएंगे। सरकार ने इस योजना को धरातल पर स्वरूप प्रदान करने के लिए कार्य भी आरंभ कर दिया है। इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों में कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है। इसके बावजूद बहुत से स्कूलों में अध्यापकों व अन्य स्टाफ की उपलब्धता आवश्यकता अनुरूप नहीं है। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने स्टाफ का युक्तिकरण करने का निर्णय लिया है। शिक्षा क्षेत्र में यह क्रांतिकारी बदलाव निश्चित तौर पर सरकार की योजनाओं और लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप होंगे।
सरकार वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उद्योग और अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध रोजगार के साधनों से भलीभांति परिचित है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए तकनीकी शिक्षा को भी विशेष अधिमान देने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है। तकनीकी शिक्षा बदलते दौर का सबसे अहम अंग है। तकनीक वैश्विक स्तर पर रोजगार मुहैया करवाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है। इसलिए सरकार की योजना है कि व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से संबंधित पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाए ताकि सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल तकनीक के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ढूंढ रहे युवाओं को इस क्षेत्र में भी अपना कॅरिअर संवारने के अवसर प्राप्त हो सकें।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के उन बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए भी वचनबद्ध हैं जो अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अपना सपन पूरा नहीं कर पाते। सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए 101 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष स्थापित किया है। इस कोष के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। इंजीनियरिंग कॉलेजों, आईआईआईटी, एनआईटी, आईआईटी, आईआईएम, बहुतकनीकी संस्थानों, नर्सिंग, स्नातक महाविद्यालयों आदि में ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा और व्यावसायिक कौशल विकास शिक्षा पर होने वाले व्यय को प्रदेश सरकार वहन करेगी।
प्रदेश सरकार के ये नवोन्मेषी प्रयास निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को देशभर में मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करने में महत्ती भूमिका अदा करेंगे।