हर व्यक्ति को टीबी उन्मूलन अभियान से जोड़ने की आवश्यकता

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शिमला, 23 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि राज्य को {ाय रोÛ मुक्त बनाने के अभियान में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सहभाÛिता सुनिश्चित करनी चाहि, ताकि वर्ष 2023 तक इस ल{य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस ल{य को प्राप्त कर हिमाचल देश का पहला आदर्श राज्य बनकर उभर सकता है, जो हम सभी के लि, ,क बड़ी उपलब्धि होÛी।
राज्यपाल आज राज्य स्वास्थ्य प्रशि{ा.ा केंद्र में हिमाचल प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और खंड चिकित्सा अधिकारियों के लि, आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमं=ी नरेंद्र मोदी ने 9 सितंबर को {ाय मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया था और वर्ष 2025 तक देश को {ाय मुक्त बनाने का ल{य रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाÛ }ारा राज्य और {ो=ीय स्तर पर {ाय मुक्त भारत अभियान सराहनीय तरीके से चलाया जा रहा है। उन्होंने विभाÛ के प्रयासों की सराहना करते हु, कहा कि इस प्रकार के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप हिमाचल वर्ष 2023 तक {ाय मुक्त राज्य का ल{य हासिल करेÛा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीकाकर.ा के मामले में देश में हिमाचल प्रदेश प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है।
राज्यपाल ने कहा कि यह केवल स्वास्थ्य विभाÛ की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें प्रत्येक व्यक्ति को आÛे आने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में इस विषय पर बैठकें की हैं। उन्होंने मरीजों को व्यक्तिÛत रूप से अपनाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि मरीजों को व्यक्तिÛत रूप से अपनाने से उनके स्वास्थ्य में शी?ा्र सुधार होता है और उन्हें ज्यादा मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि उपचार के दौरान सभी रोÛियों को निः{ाय मि= के माध्यम से सामुदायिक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट, व्यक्तिÛत, राजनेता, Ûैर सरकारी संÛठन, नाÛरिक, समाज और अन्य लोÛ निः{ाय मि= की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और {ो=ीय अधिकारियों को इसकी बारीकी से निÛरानी करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दि, कि पंजीकर.ा के तुरंत बाद सभी टीबी रोÛियों को सामुदायिक सहायता प्राप्त हो।
उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस अभियान में शामिल हैं और रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं को जोड़कर इस कार्य में तेजी लाई जा सकती है। उन्होंने प्रधानमं=ी {ाय मुक्त भारत अभियान के माध्यम से मरीजों की पहचान करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि {ाय रोÛियों को अपनाने की जिम्मेदारी किसी ,क विशेष वर्Û की नहीं बल्कि यह ,क सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने इस दिशा में जाÛरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया।
राष्ट्रीय कुष्ठ नियं=.ा कार्यक्रम (,न,लसीपी) की समी{ाा करते हु, राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम का प्राथमिक ल{य कुष्ठ रोÛ के मामलों का प्रारंभिक चर.ा में पता लÛाना और रोÛियों को अपंÛता से बचाने के लि, उन्हें शी?ा्र निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक चर.ा में रोÛ की जांच से सामुदायिक स्तर तक बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि उपचार का कोर्स पूरा कर लिया जा, तो कुष्ठ रोÛ पूरी तरह से ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में 141 कुष्ठ रोÛियों का इलाज चल रहा है और ये मरीज आसानी से ठीक हो सकते हैं।
इससे पहले, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक हेम राज बैरवा ने राज्यपाल का स्वाÛत किया और राज्य में प्रधानमं=ी {ाय मुक्त भारत अभियान के तहत की जा रही विभिन्न Ûतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल को विभाÛीय स्तर पर कि, जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
निदेशक, स्वास्थ्य सेवा,ं, डॉ- Ûोपाल बेरी ने अभियान का विवर.ा प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों से भी चर्चा की। उन्होंने जिला स्तर पर कि, जा रहे कार्यों की जानकारी दी और अपने बहुमूल्य सुझाव दि,।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, राज्य स्वास्थ्य प्रशि{ा.ा केंद्र की प्रधानाचार्य डॉ- हरशर.ा कौर और स्वास्थ्य विभाÛ के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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