शिमला, 11 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला जिले के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लवी एक व्यावसायिक मेले के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश का सांस्कृतिक उत्सव बन गया है। उन्होंने कहा कि लवी मेले का अपना ऐतिहासिक महत्व है और यह व्यापारिक गतिविधियों के साथ-साथ अपनी समृद्ध पुरानी परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है।
राज्यपाल ने प्रदेश के लोगों से लवी मेले के साथ-साथ लोकतंत्र के पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे 12 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करें। प्रत्येक वोट लोकतंत्र को मजबूत करता है, इसलिए सफल लोकतंत्र के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए जाना जाता है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि लोग सभी धार्मिक और पारंपरिक त्योहारों को बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और पारंपरिक मेलों और त्योहारों के पुराने गौरव को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने लवी मेले की समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने के ईमानदार प्रयासों के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मेले में प्रदर्शित ऊनी वस्त्र, सूखे मेवे और अन्य पारंपरिक शिल्प और उत्पाद अद्वितीय हैं। मेले मंे पारंपरिक कारीगरों और किसानों को लाभान्वित करने और उनके प्रचार और बिक्री के लिए बेहतरीन अवसर प्राप्त हुआ है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर किन्नौरी बाजार और विभिन्न संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया और उनमंे गहरी रुचि दिखाई।
उपायुक्त एवं अंतरराष्ट्रीय लवी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष आदित्य नेगी ने राज्यपाल का स्वागत किया और मेले के दौरान आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका भटुंगुरु और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।