हिप्र में दो शहीद वनकर्मियों के परिजनों को मिली सरकारी नौकरी

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  • वन विभाग की पहल पर शहीद कर्मियों के परिजनों के लिए करुणामूलक नौकरी का विशेष दरवाजा खुला
  • हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने हिमाचल सरकार का आभार जताया
  • हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ की मांग पर लगी सरकार की मुहर

शिमला, 27 अगस्त। हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के अध्यक्ष प्रकाश बादल आग बुझाते हुए शहीद हुए दो कर्मचारियों के परिजनों को स्पेशल केस के रूप में सरकारी नौकरी मिलने पर खुशी जताई है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ के प्रधान बादल ने वनों की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाने वाले योद्धाओं की अनदेखी को लेकर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी। प्रकाश बादल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री राकेश पठानिया, प्रधान सचिव वन ओंकार शर्मा और संयुक्त सचिव वन प्रवीण टॉक का धन्यवाद किया। बादल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके द्वारा वन विभाग के असली योद्धाओं को नौकरी देकर जो रास्ता खोला गया है, वह सराहनीय है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा करुणामूलक आधार पर मिलने वाली नौकरी के आरएंडपी रूल्स में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया गया है। इस फैसले के अंतर्गत् सरकारी नौकरी करते समय हिमाचल सरकार के किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उन्हें स्पेशल केस के रूप में तुरंत सरकारी नौकरी मिलेगी। यह पहल हिमाचल प्रदेश वन विभाग की ओर से शुरू हुई है। हाल ही की कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश वन विभाग के दो कर्मचारियों वन कर्मी कल्याण सिंह और वन रक्षक राजेश कुमार के आग बुझाते समय उनके दुःखद निधन के बाद उनके परिजनों को स्पेशल केस के तौर पर तुरंत नौकरी मिले के फैसले से हुई है। हिमाचल प्रदेश सरकार में संयुक्त सचिव वन प्रवीण टॉक द्वारा 24 अगस्त को जारी एक आदेश के माध्यम से इस बात की पुष्टि हुई है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने हाल ही में वन विभाग में शहीद हुए कर्मचारियों की अनदेखी और नौकरी तक के लिए दर-दर भटकने की बात मीडिया के माधय्म से उठाई थी और साथ ही वन विभाग में राज्यस्तरीय पुरस्कारों में चयन प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाए थे। विभाग इस संबंध में वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ की कार्यकारिणी के लोग वन मंत्री राकेश पठानिया और प्रधान सचिव ओंकार शर्मा से भी मिले थे और उन्होंने एसोसिएशन को आश्वासन दिलाया था कि वो जल्द इस पर कार्रवाई करेंगे और वनों की सुरक्षा के लिए शहीद हुए वन कर्मियों को उचित सम्मान और सहायता के लिए कठोर कदम उठाएंगे। वनों की रक्षा करते हुए शहीद हुए दो वन कर्मियों को नौकरी मिलने के लिए करुणामूलक नौकरी की पॉलिसी में संशोधन करने हेतु संयुक्त सचिव (वन) प्रवीण टॉक ने कड़ी मेहनत से मसौदा तैयार किया जिस पर प्रधान सचिव (वन ) ओंकार शर्मा ने मुहर लगा कर उचित माध्यमों तक पहुंचाया और वन विभाग के असली योद्धाओं को सम्मान मिल सका है।
अभी खत्म नहीं हुई है लड़ाई
एक तरफ वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन सरकार के इस फैसले से बेहद खुश है कि वनों की रक्षा करते हुए शहीद हुए दो वन कर्मियों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी मिली, लेकिन अभी एसोसिएशन की लड़ाई पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। बादल ने बताया कि वो हिमाचल सरकार से हाल ही में हुए पुरस्कारों के लिए अपनाई गई प्रक्रिया की जांच की गुहार करते हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से ये भी मांग की कि हाल ही में वन विभाग द्वारा दिए गए पुरस्कारों को निरस्त किया जाए और पुरस्कारों की प्रक्रिया को नए सिरे से चलाया जाए और पूरे प्रदेश से नामांकन मंगवाए जाएं और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।

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