यूविन पोर्टल के माध्यम से होगी बच्चों के वैक्सीनेशन की निगरानी

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यूविन पोर्टल के माध्यम से होगी बच्चों के वैक्सीनेशन की निगरानी

File photo source: social media

शिमला, 5 फरवरी। प्रदेश में सुख की सरकार ने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के दृष्टिगत बचपन से ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की दिशा में प्रभावी कार्य शुरू किया है। राज्य में अब बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व विभिन्न बीमारियों से बचाव के दृष्टिगत किए जाने वाले वैक्सीनेशन का क्रियान्वयन अब यूविन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।

यूविन पोर्टल को सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिला सोलन व सिरमौर में शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर प्रदेश में किए जाने वाले जच्चा बच्चा टीकाकरण की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध रहेगी। केन्द्र प्रायोजित इस परियोजना के अन्तर्गत देश भर के चुनिंदा जिलों में यह दो जिले शामिल किए गए हैं।

इस पोर्टल को कोविन पोर्टल की तर्ज पर विकसित किया गया है। पोर्टल में प्रदेश के सभी वैक्सीनेशन लाभार्थियों का डेटा उपलब्ध रहेगा। पोर्टल में मां के गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म के बाद समय-समय पर होने वाला टीकाकरण की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध रहेगी। इससे पहले टीकाकरण संबंधी जानकारी केवल ऑफलाइन माध्यम से ही उपलब्ध रहती थी। विशेष बात यह है कि इस पोर्टल को सीधे लेबररूम से भी जोड़ा जा रहा है ताकि सही व सटीक जानकारी उपलब्ध रहे। युविन पोर्टल से सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।

यूविन पोर्टल से ही सभी वैक्सीनेशन लाभार्थियों को टीकाकरण किए जाने संबंधी जानकारी एसएमएस के माध्यम से लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर मिलेगी। जच्चा बच्चा को, कब व किस समय, कौन सा टीकाकरण होना है, इसकी संपूर्ण जानकारी एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। यूविन पोर्टल का रिकॉर्ड राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध रहने के चलते लाभार्थी किसी भी राज्य में टीकाकरण करवा सकते हैं। पोर्टल की विशेष बात यह है कि वैक्सीनेशन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात लाभार्थी को वैक्सीनेशन संबंधी प्रमाण-पत्र भी मिलेगा। यूविन पोर्टल में लाभार्थी को पंजीकरण करवाने के लिए आधारकार्ड व मोबाइल नम्बर वैक्सीनेशन केंद्र में देना होगा।

राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाव संबंधी टीकाकरण करती है। जिनमें मुख्य रूप से रोटा वायरस संक्रमण, क्षय रोग, खसरा, काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस-बी संक्रमण इत्यादि शामिल हैं। बच्चों का टीकाकरण किए जाने से जहां उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, वहीं उन्हें विभिन्न जीवाणु तथा विषाणुओं से लड़ने की शक्ति भी मिलती है।

हिमाचल प्रदेश में सालाना 1 लाख से अधिक नवजात शिशुओं और लगभग 1.27 लाख गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रदेश में कुल 390 कोल्ड चेन प्वाइंट हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सोलन व सिरमौर जिला में शुरू किये गए यूविन पोर्टल के अंतर्गत दोनों जिलों के 42 कोल्ड चेन प्वाइंट कवर किए जाएंगे। यूविन पोर्टल प्रत्येक गर्भवती महिलाओं व बच्चों को टीकाकरण के लिए ट्रैक करने की सुविधा के लिए एक डिजिटल समाधान है।

जिला सोलन व सिरमौर में शुरू किए गए यूविन पोर्टल के माध्यम से वर्तमान में सालाना अनुमानित 43 हजार लाभार्थी लाभान्वित होंगे। जिनमें जिला सोलन में 0-1 वर्ष आयु वर्ग में अनुमानित 11 हजार बच्चों व 13 हजार गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा। जबकि जिला सिरमौर में 0-1 वर्ष आयु वर्ग में अनुमानित 9100 बच्चों तथा 10 हजार गर्भवती महिलाएं लाभान्वित होंगी।

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