अवस्थी ने कहा कि सेपु बड़ी और पटांडों की बातें करने से काम चलने वाला नहीं है। प्रदेश की जनता बार-बार इन जुमलों में नहीं आने वाली है। अगर प्रधानमंत्री ने हिमाचल की सेपु बड़ी खाई है तो कम से कम हिमाचल के नमक का कर्ज तो अदा कर देते। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा से हुए नुकसान के नियमानुसार 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम केंद्र सरकार को भेजे हैं लेकिन नौ महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावितों को यह राशि नहीं मिली है, जबकि यह राज्य के लोगों का हक़ है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से राज्य के आपदा प्रभावितों को 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया, जिससे लोगों को राहत मिली है। नियमों को बदल कर मुआवज़ा राशि को कई गुणा बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं ग्राउंड ज़ीरो पर रहकर राहत एवं बचाव कार्यों को नेतृत्व दिया, जिसकी सराहना वर्ल्ड बैंक, नीति आयोग और भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी की। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के विधानसभा में लाए गए प्रस्ताव के समर्थन में खड़े नहीं हुए। भाजपा के तीनों सांसदों में इतनी हिम्मत भी नहीं थी, कि एक चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के 22 हजार आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज माँगते।
संजय अवस्थी ने कहा कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अब भाजपा नेता झूठ का सहारा ले रहे हैं लेकिन जनता पूरा सच जानती है। लोगों को पता है कि आपदा में उनके साथ कौन खड़ा था और कौन ग़ायब रहा।