यह संविधान को बचाने का अंतिम चुनाव: शर्मा

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यह चुनाव संविधान को बचाने का अंतिम चुनाव: आनंद शर्मा

इंदौरा (कांगड़ा), 21 मई। कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कांगड़ा जिले के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के सुरजपुर, मलकाना, पलाखी और गंगथ में नुक्कड़ सभाएं करके अपने पक्ष में मतदान की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि एक जून को हिमाचल प्रदेश के लोग भी अन्य प्रदेशों की तरह भारत के भविष्य, संविधान और अपने अधिकारों को बचाने के लिए मतदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा और पीएम मोदी इस लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने का दावा करके देश के संविधान और जनादेश का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी दल या गठबंधन को सत्ता में लाने का जनादेश तो देश की जनता ने देना है, ऐसे में किसी के दावों से 400 सीटें नहीं आने वालीं। साथ ही आशंका जताते हुए कहा कि 400 सीटें जीतने के भाजपा के दावों के पीछे की सच्चाई यह है कि वे बहुमत हासिल करके संविधान बदलना चाहते हैं। लिहाजा यह चुनाव संविधान को बचाने का अंतिम चुनाव होगा, अगर देश की जनता ने संविधान को नहीं बचाया तो देश के बच्चों का भविष्य खतरे में होगा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि चुनाव के पांच चरण हो चुके हैं और हालात बता रहे हैं कि 400 या 300 तो छोड़ो ये 200 सीटें भी पार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की जनता, किसान, बेरोजगार युवाओं और आम आदमी के साथ नोटबंदी, किसान कानून, बेरोजगारी और महंगाई के रूप में हुए अन्याय को नहीं भूलना चाहिए।

कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि इसी तरह हिमाचल प्रदेश में पिछले साल आई प्राकृतिक आपदा के समय हिमाचल के लोगों के साथ दिल्ली की सरकार ने जो अन्याय किया है, उसे भी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस आपदा में 500 से ज्यादा लोग मर गए, 25 हजार घर बर्बाद हुए, हजारों लोग बेघर हो गए और अरबों की संपति का नुकसान हुआ मगर दिल्ली की मोदी सरकार ने आपदा राहत कोष से एक रुपया तक नहीं निकाला। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यामंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ने आर्थिक तंगी के बावजूद 4500 करोड़ का प्रावधान करके हिमाचल के प्रभावित लोगों को राहत दी।

उन्होंने कांगड़ा-चंबा की जनता से मतदान की अपील करते हुए कहा कि हिमाचल उनकी कर्मभूमि रहा है, वह इस इलाके को समझते हैं और क्षेत्र के विकास के लिए उनके जहन में कई विकास योजनाएं हैं, जिन पर काम किया जाएगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर उन्हें याद किया और कहा कि उन्‍होंने आज से 33 साल पहले छोटी आयु में देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी, जिसे मोदी सरकार भुलाने की कोशिश कर रही है। इस अवसर पर कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, विधायक मलेंद्र राजन, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विक्रम राणा, करण पठानिया समेत कई कांग्रेस नेता और पदाधिकारी मौजूद थे।

 

हिमाचल में आईआईटी व निफ्ड जैसे बड़ी संस्थाएं बनाईं

आनंद शर्मा ने कहा कि जब वे केंद्रीय मंत्री थे तो उन्होंने हिमाचल में बड़ी-बड़ी संस्थाएं खुलवाने का काम किया था। इनमें मंडी के आईआईटी और कांगड़ा के निफ्ड के अलावा पालमपुर में टी-बोर्ड का कार्यालय, कंदरोड़ी में औद्योगिक पार्क, शिमला में पासपोर्ट कार्यालय, परवाणु में भारतीय कौशल विकास संस्थान, नालागढ़ और घुमारवीं में परिधान प्रशिक्षण और डिजाइन केंद्र समेत कई कार्य शामिल हैं।

मनरेगा और खाद्य सुरक्षा का अधिकार ने कोविड काल में बचाई करोड़ों जानें

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था में चार गुणा वृद्धि दर्ज की गई थी और उनके कार्यकाल में बनाए गए रोजगार का अधिकार, खाद्य सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार जैसे कानूनों के चलते ही आज देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मनमोहन सरकार ने मनरेगा और खाद्य सुरक्षा का अधिकार ना दिए होते तो कोविड काल में जनता का क्या हाल होता इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती।

कांग्रेस घोषणा पत्र में हर वर्ग के लिए न्याय की बात

आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में किसान, महिला, युवा और देश के हर वर्ग के साथ न्याय की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि गलत कानून बनाकर देश के किसानों के साथ जो सलूक हुआ उसे कभी नहीं भूला जा सकता। कांग्रेस ने किसानों के लिए एमएसपी कानून लाने का वादा किया है। साथ ही युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया है और सत्ता में आते ही केंद्र सरकार के विभागों में रिक्त चल रहे 30 लाख पदों को तुरंत भरा जाएगा। इसी तरह बच्चों की पढ़ाई के लिए गए कर्ज को माफ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आते ही अग्निवीर योजना बंद करके सेना की पुरानी भर्ती शुरू करेगी और पहले से भर्ती अग्निवीर सैनिकों को नियमित सेना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए हर गरीब परिवार की मुखिया महिला को एक लाख रुपये सालाना देने का वादा किया गया है।

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