डराना छोड़, अपने वायदों का लेखाजोखा जनता के समक्ष रखे भाजपा और पीएम मोदी: आनंद शर्मा

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डराना छोड़, अपने वायदों का लेखाजोखा जनता के समक्ष रखे भाजपा और पीएम मोदी: आनंद शर्मा

डलहौजी (चंबा), 16 मई। कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने
चंबा जिले के डलहौजी विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में सत्तारुढ़ दल के नेता अपने कटू भाषणों से निरंतर देश और समाज में लकीरें खींच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चुनाव तो हो जाएगा, मगर जो कटूता पैदा की जा रही है उससे तनाव पैदा हो जाएगा, जिससे देश और समाज का अहीत होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य भाजपा नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि वे अपने विचारों में ऐसा खौफनाक मंजर दिखाकर देश की जनता को डाराते हैं कि अगर वो ना आए तो क्या होगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या़ नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से पहले भारत की पहचान नहीं थी। उन्होंने देश की जनता को आगाह करते हुए कहा कि सत्तापरुढ़ दल के नेता ऐसा माहौल बनाने की कोशिशों में लगे हैं कि जैसे उनकी सरकार बनने से पहले देश में कुछ नहीं हुआ था, जो सरासर झूठ है।

आनंद शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने देश की नींव रखी। कांग्रेस की सोच समावेषी है। समाज के हर वर्ग को जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव के बिना बराबरी का दर्जा दिया गया। हमारा संविधान भी इसी को मानता है, मगर दुर्भाग्य से कोई ऐसे तीखे शब्द कह रहा है, जिसकी सोच समावेशी नहीं है। चुनावी फायदे के लिए देश और समाज में निरंतर लकीरें खींची जा रही हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि वक्त की पुकार के चलते तमाम दल एक साथ आकर प्रजातंत्र को बचाना चाहते हैं। देश में खौफ का वातावरण है। सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। विरोधियों पर निशाना लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतरना पड़ा।

उन्होंने कहा कि पुराने लोगों ने देश और हिमाचल को आगे बढ़ते हुए देखा है। सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हमारे देश का सफर 15 अगस्त 1947 को नहीं बल्किे मई 2014 से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि देश के हर नागिरक को बिना भेदभाव के संवैधानिक अधिकार दिए गए हैं, जिन्हें कोई नहीं छीन सकता। अगर कोई ऐसा प्रयास भी करता है तो सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करके उसे रोक देता है। हर नागरिक का एक-एक वोट मिलकर सरकार बनाता है। उन्होंने कहा कि सोच और विचारधारा एक महत्व रखती है, अगर प्राथमिकताएं गलत हों तो देश और समाज गलत हाथों में जा सकता है। देश के विकास का अपमान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले हिंदुस्तान 2 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी था। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एक अर्थशास्त्री थे उनमें शालीनता थी बोलते कम थे काम ज्यादा करते थे और उनके कार्यकाल में दस साल में भारत की जीडीपी चार गुणा बढ़ी थी।

आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री बने तो कहते हैं हमसे पहले भारत कमजोर था। जबकि सच्चाई यह है कि उनके पीएम बनने से पहले देश परमाणु शक्ति था, अंतरिक्ष शक्ति था और चंद्रयान भी चांद पर जा चुका था चांद पर तिरंगा उतर चुका था। उन्होंने कहा कि 1947 को सदियों की गुलामी के बाद हिंदोस्तान आजाद हुआ था, संसाधनों की कमी थी, लोग कम पढ़े लिखे थे, संस्थाएं नहीं थीं, कारखाने नहीं थे। इसके बाद कई संस्थाएं बनीं, कारखाने बने। नेहरू की सोच थी जो देश में आईआईटी, आईआईएम और कई संस्थान खुले। फिर भारत में चौथी औद्योगिक क्रांति आई जिसे सूचना प्रौद्योगिकी कहते हैं उसके नायक पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी थे। आज सबके हाथ में मोबाइल फोन, कंप्यूटर है यह सब कांग्रेस सरकारों के प्रयासों से ही संभव हुआ। तब भाजपा के नेता बैलगाड़ी में आते थे और देश की जनता को नई प्रौद्योगिकी को लेकर डराया जाता था।

उन्होंने कहा कि जब सदी बदल रही थी तो वर्ष 2000 की शुरुआत से पहले कंप्यूटर में संभावित तकनीकी खामी को लेकर सभी देश डरे हुए थे तब हमारे देश के आईटी विशेषज्ञ युवाओं ने विश्व को इस खतरे से बचाया था। दुनिया के बड़े देश हमारे बेटे-बेटियों को लेकर गए जिन्होंने कंप्यूटर की तकनीकी खामी को दूर किया। आज आईटी से जुड़ी सेवाओं का 55 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत का है, यह अभी नहीं हुआ है बल्कि मोदी सरकार से पहले का है। उन्हें भी यह सब पता है, मगर याद करना जरूरी है। इसी तरह जब बांग्लादेश में कत्लेआम हो रहा था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की फौज को भेज कर बांग्लादेश को आजाद करवाया। यह भारत की विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी जीत थी, जिसमें पाकिस्तान के एक लाख फौजी युद्ध बंदी बनाए गए थे। कोई भी देश अपने देश के निर्माताओं और शहीदों का अपमान नहीं करता, मगर आज सवाल उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि जो वायदे करके पीएम मोदी ने सरकार बनाई थी उसका हिसाब नहीं दे रहे। हर कोई अपना लेखाजोखा रखता है, मगर मौजूदा केंद्र सरकार अपना हिसाब नहीं दे रही। वर्ष 2014 का घोषणा पत्र ही लें तो रोजगार, महंगाई, पेट्रौल-डीजल की कीमत आधी करने और महिलाओं व किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए गए। नई से नई बातें ला रहे हैं, मगर वायदों का अपना हिसाब नहीं दे रहे। उन्होंने हिमाचल व खासकर कांगड़ा-चंबा से अपने जुड़ाव की बात भी बताई। साथ ही चंबा जिले के विकास को प्राथमिकता देने का वादा किया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री आशा कुमारी, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल ठाकुर, धर्मसिंह, मुनीष, शरद समेत पार्टी के कई नेता व पदाधिकारी मौजूद थे। इससे पहले उन्होंने भलेई माता मंदिर में माथा टेका। उन्होंने बताया कि वह यहां पहले भी आ चुके हैं।

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