शांडिल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की याद्दाश्त भी कमजोर है। वह यह कैसे भूल गए कि ओपीएस मांगने पर उनकी सरकार ने कर्मचारियों पर लाठियां और वाटर कैनन चलवाई थीं। जयराम ठाकुर ने विधानसभा में कहा था कि अगर कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन चाहिए तो नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ लें। नेता प्रतिपक्ष किस मुंह से कह रहे हैं कि उन्होंने ओपीएस का विरोध नहीं किया। अगर जयराम कर्मचारियों के हितैषी हैं तो एनपीएस के अंशदान के 9000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से वापस दिलाने में मदद करें। नेता प्रतिपक्ष घड़ियाली आंसू न बहाएं, जनता जान चुकी है कि वोट के जरिये चुनी सरकार को नोटों के दम पर गिराने का प्रयास किसने किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर का गणित वास्तव में ही कमजोर है। 68 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक थे और तीन निर्दलीयों का समर्थन था। तब भी सरकार के पास पूर्ण बहुमत था, अब 62 विधायक विधानसभा में होने पर कांग्रेस के पास 34 विधायक हैं, और सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है। फिर जयराम कैसे कह रहे हैं कि सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं। विपक्षी दल भाजपा को जनता से माफी मांगनी चाहिए कि उसने राज्यसभा की एक सीट खरीद फरोख्त कर जीती। भाजपा के चेहरे का नकाब जनता के सामने उठ चुका है।
शांडिल ने कहा कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना की घोषणा बजट के बाद हुई, उसे कैबिनेट मंजूरी देकर 800 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान भी कर दिया गया। योजना की अधिसूचना जारी हो चुकी है। लाहौल व स्पीति में तो महिलाओं के खाते में पहली किश्त भी आ चुकी। जब योजना चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले से चल रही है तो भाजपा व नेता प्रतिपक्ष उसे क्यों रुकवाना चाह रहे हैं। जयराम महिलाओं को बताएं कि वह क्यों नहीं चाहते कि योजना जारी रहे। जयराम ठाकुर ने तो अपने कार्यकाल में कुछ किया नहीं अब कांग्रेस सरकार सुख आश्रय योजना, युवाओं के लिए 680 करोड़ की स्टार्ट योजना, दूध पर एमएसपी, मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी में 60 रुपये की एकमुश्त वृद्धि के साथ बजट में अनेक जनहितैषी योजनाएं लाई है तो भाजपा को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती दिख रही है।