मंडी, 22 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) की अदालत ने हत्या और नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कठोर कारावास और 20 हजार का जुर्माना लगाया गया।
जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि 18 जून 2020 को नाबालिग पीडि़ता ने अपना बयान थाना प्रभारी कमलकांत के पास कलमबंद करवाया कि 17 जून 2020 की रात को उसके पिता, चाचा और आरोपी शराब पीकर करीब रात 12 बजे उसके घर आए उस वक्त पीडिता और उसका भाई अपने कमरे में सोए हुए थे।
आरोपी सुभाष चंद बार-बार उसके कमरे का दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहा था पर उसके पिता सुभाष को बार-बार रोक रहे थे और उन्हें परेशान नहीं करने को कह रहे थे। अल सुबह करीब 3-4 बजे पिता की आवाज नहीं सुनाई देने पर उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो उन्होंने नहीं उठाया। इस दौरान आरोपी सुभाष जोर-जोर से दरवाजा खटखटाने लगा तो कुंडी खुद ही खुल गई और आरोपी उसके बिस्तर पर ही सो गया और उसके साथ छेड़छाड़ की। इसके बाद दोनों भाई बहन अपनी चाची के कमरे में सोने चले गए। सुबह करीब पांच बजे चाची ने पीडि़ता को जगाया और बताया की उसके पिता अपने कमरे में खून से लथपथ बेहोश पड़े हैं। जब वे उन्हें अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि पीडि़ता के बयान के आधार पर पुलिस थाना सुंदरनगर में दोषी कुल्लू जिले की तहसील मनाली निवासी सुभाष चंद के खिलाफ अभियोग 231ध्2020 दर्ज हुआ था। इस मामले की छानबीन निरीक्षक कमलकांत ने की थी। छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी सुंदरनगर ने चालान को अदालत में दायर किया। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 34 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए थे। सरकार की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन लोक अभियोजक विनय वर्मा और वर्तमान लोक अभियोजक चानन सिंह ने की।
अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सुभाष चंद को भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में आजीवन कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना अदा नहीं करने की पर छह माह का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। धारा 354-। के तहत तीन साल के कठोर कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतनी होगी । वहीं, पोक्सो अधिनियम की धारा 8 के तहत पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतनी होगी।