शिमला, 11 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ को आज गरिमापूर्ण विदाई दी गई। उनका पदोन्नयन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के रूप में हुआ है।
उच्च न्यायालय में उनके सम्मान में फुल कोर्ट एड्रेस आयोजित किया गया। उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अनूप चितकारा और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य इस अवसर पर उपस्थित थे। न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने वर्चुअल माध्यम से फुल कोर्ट रेफरेंस में भाग लिया। रजिस्ट्रार जनरल वीरेन्द्र सिंह ने कार्यवाही का संचालन किया।
न्यायमूर्ति रवि मलिमठ ने कहा कि उन्होंने पूरा प्रयास किया वादियों को उचित और त्वरित न्याय मिले। एक न्यायाधीश के लिए केवल न्याय की गुणवत्ता और गति सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायिक या प्रशासनिक स्तर पर जो भी निर्णय लिए जाते हैं वे निष्पक्ष, न्यायसंगत और उचित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्षमता और निष्ठाहीनता के प्रति उनकी जीरो टोलरेंस है। उन्होंने कहा कि इस न्यायालय मंे 105 दिनों के दौरान उनकी पीठ ने 1511 मामलों का निपटारा किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के न्यायालयों के लिए कई योजनाओं की परिकल्पना की और इस दिशा में कई प्रगतिशील कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बार के सदस्यों की सहायता के लिए कार्यालय से संबंधित आपत्तियों को दूर करने की समयावधि को 20 दिन से बढ़ाकर 6 सप्ताह कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को जिला न्यायपालिका में सभी वर्गोंे के न्यायधीशों की भर्ती करने की शक्ति प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा नियम, 2004 में संशोधन किया गया है। प्रत्येक जिले के लिए प्रशासनिक न्यायधीशों के अलावा प्रत्येक जिले के लिए गार्डियन न्यायाधीशों की नई अवधारणा को तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण बल्कि यहां के लोगों के व्यवहार के कारण भी एक सुंदर प्रदेश है।
इस अवसर पर उन्होंने न्यायधीशों, बार के सदस्यों, न्यायिक अधिकारियों और रजिस्ट्री के अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
न्यायमूर्ति रवि मलीमठ ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में इस साल 7 जनवरी को शपथ ली थी। वह 25 फरवरी को हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए गए और एक जुलाई को उन्होंने मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) का पदभार संभाला। फुल कोर्ट रेफरेंस के बाद न्यायमूर्ति रवि मलिमठ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति सबीना ने कहा कि न्यायमूर्ति रवि मलिमठ का जन्म 25 मई, 1962 में कर्नाटक के एक सम्मानित परिवार में हुआ। इनके दादा दिवंगत न्यायमूर्ति एस.एस मलिमठ एक स्वतंत्रता सेनानी थे और कर्नाटक के एकीकरण के संघर्ष में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इनके पिता स्वर्गीय डॉ. न्यायमूर्ति वी.एस. मलिमठ की पहचान अब तक के बेहतरीन मुख्य न्यायाधीशों में होती है। वह कर्नाटक और केरल उच्च न्यायालय के प्रसिद्ध मुख्य न्यायधीश थे।
महाधिवक्ता अशोक शर्मा, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष अजय कोचर, प्रदेश उच्च न्यायलय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लवनीश कंवर और भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।