कांगड़ा, 4 नवंबर। जगदगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने भारत में हिंदुओं की आबादी में कमी और देश विरोधी ताकतों के बढ़ते हमलों पर चिंता जताते हुए हिंदू समाज से परिवार नियोजन का त्याग करके पांच बच्चे पैदा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू परिवार दो से अधिक बच्चे नहीं पाल सकते तो वे तीन बच्चे संत समाज को सौंपें, जो इन्हें पढ़ा लिखा कर देश व धर्म की सेवा के लिए समर्पित होने के लिए तैयार करेगा।
जगदगुरु ने यह बात आज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगर कांगड़ा के नगर परिषद मैदान में चल रहे शिव-शक्ति यज्ञ एवं विशाल संत सम्मलेन के समापन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म कभी अखंड भारत में आने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक तक फैला हुआ था। आज हालात ऐसे हैं कि हिंदू अपने ही देश के कई राज्यों में अल्पसंख्यक होने लगे हैं। कई राज्यों में तो हिंदुओं को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा से ही देश की रक्षा होती है और देश की रक्षा से समाज सुरक्षित रहता है।
उन्होंने मुसिलम पर्सनल लॉ और वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग करते हुए कहा कि जब धर्म के नाम पर देश का बंटवारा करके पाकिस्तान बनाया गया था तो फिर भारत में मुसलिम पर्सनल लॉ और वक्फ बोर्ड क्यों बनाया गया। जबकि पाकिस्तान में हिंदू पर्सनल लॉ नहीं है और ना ही वहां मौजूद मंदिरों की रक्षा और हिंदुओं की संपति की रक्षा के लिए कोई कानून बना है। उन्होंने सरकार से हिंदूू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की भी मांग की है। साथ ही संत समाज से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आह्वान किया।
जगदगुरु शंकराचार्य ने संत सम्मेलन में मौजूद संतों को संबोधित करते हुए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की भी मांग की है। उन्होंने चीन से देश को मिल रहे खतरे के प्रति भी आगाह किया। साथ ही जम्मू-कश्मीर के हालत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने देश के किसान और सैनिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जहां किसान देश की तरक्की के लिए अपना पसीना बहाता है, तो वहीं सैनिक देश की रक्षा के लिए खून बहाते हैं। उन्होंने किसानों को प्राकृतिक और रसायनरहीत खेती करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी संतों का आशीर्वाद लिया और अपने संबोधन में संतों के देवभूमि में पधानरने पर धन्यवाद प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज के युग में जबकि युवा पीढ़ी अपने धर्म व आदर्शों से विमुख होती जा रही है ऐसे हालात में देश व प्रदेश को संतों के मार्गदर्शन की जरूरत है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वो सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें भगवान श्री राम के मंदिर के शिलान्यास से लेकर निर्माण का काम देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।
दो नंवबर से चल रहे इस यज्ञ व संत सम्मेलन में जगतगुरु परमहंस स्वामी हरि चैतन्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि और जगदगुरु त्रिपुरा पीठाधीश्वर यज्ञ सम्राट श्रीश्री 1008 हरिओम महाराज सहित देश व प्रदेश से आए संत और ब्राह्मण मौजूद रहे। इस दौरान अग्िनमंथन, दिव्य महाआरती, शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया गया।
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