अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में कैदियों के लिए विशेष स्क्रीनिंग का होगा आयोजन

86

शिमला, 13 अगस्त। महात्मा गांधी के प्रसिद्ध वचन, “पाप से घृणा करो, पापी से नहीं” को सार्थक करते हुए, शिमला का अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएस) अपने 10वें संस्करण से एक बार फिर जेल की अँधेरी दीवारों को फिल्म स्क्रीन से रोशन करेगा। अपने पिछले संस्करणों की तरह आईएफएफएस एक बार फिर मॉडल सेंट्रल जेल कांडा और मॉडल सेंट्रल जेल नाहन में फिल्म महोत्सव की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करेगा। फिल्म महोत्सव 16 से 18 अगस्त तक शिमला के गेयटी हेरिटेज कल्चरल कॉम्प्लेक्स में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, भाषा एवं संस्कृति विभाग (एलएसी) हिमाचल प्रदेश सरकार के तत्वावधान में हिमालयन वेलोसिटी द्वारा किया जा रहा है।

यह छठी बार है जब आईएफएफएस अपनी स्क्रीनिंग को तीन अलग-अलग स्थानों तक विस्तार कर रहा है। दो जेलों को स्क्रीनिंग स्थानों के रूप में शामिल करने का निर्णय सिनेमा के कौशल के माध्यम से जेल के अंदर और बाहर की दुनिया के बीच के अंतर को पाटने के साथ-साथ कैदियों की रचनात्मकता का विकास करना भी है। इस पहल के माध्यम से, आईएफएफएस कैदियों को प्रेरित करने की उम्मीद करता है जो समाज में अपनी पुनर्स्थापना करने का प्रयास कर रहे हैं ।

फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि जेल में आईएफएफएस फिल्म स्क्रीनिंग अब कैदियों के लिए महत्वपूर्ण वार्षिक गतिविधियों में से एक है। यह पहल कैदियों को समाज के साथ फिर से जोड़ने और उत्साह को जीवंत करने का अवसर प्रदान करती है । मुझे उम्मीद है कि यह निश्चित रूप से जेल सुधार में एक बड़ा कदम साबित होगा।
फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि संस्थागत होने के डर से जूझते हुए, सलाखों के पीछे उन्हें जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, वे बाहर के संघर्षों से अलग हैं, कैदी अपने कर्मों के लिए पश्चाताप तो करते ही है साथ ही मानसिक तनाव से भी गुज़र रहे होते हैं । सिनेमा में समकालीन समाज को दर्शाने वाली प्रभावशाली कहानियों में इन कैदियों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने की क्षमता है और व्यक्तिगत विकास का एक मूल्यवान माध्यम भी प्रदान करता है ।
शिमला के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 10वां संस्करण 16 से 18 अगस्त तक शिमला में स्थित ऐतिहासिक गेयटी हेरिटेज कल्चरल काम्प्लेक्स में आयोजित किया जा रहा है ।

इस वर्ष 27 देश और 22 राज्य इस प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव में हिस्सा ले रहे हैं, जो विविध संस्कृतियों और दृष्टिकोणों के माध्यम से कला को दर्शाता है । अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में अमेरिका, बेल्जियम, ईरान, कनाडा, चीन, चेक गणराज्य, तुर्की, नेपाल, मिस्र, बांग्लादेश, इटली, पोलैंड, अर्जेंटीना, स्वीडन, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और दुबई के फिल्म निर्माता भाग ले रहे हैं तथा भारत से 20 राज्य केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, असम, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कश्मीर, उत्तराखंड, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश भाग ले रहे हैं।

इस महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य श्रेणी में प्रतियोगिताएं होंगी। मुद्दों, विषयों, देशों और फिल्म निर्माताओं के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विशेष रूप से क्यूरेट किए गए सत्र भी होंगे। कार्यक्रम में फिल्मों की स्क्रीनिंग, फिल्म संस्थानों, फिल्म समीक्षकों और फिल्म उद्योग के विशेषज्ञों के साथ सेमिनार/कार्यशाला सत्र भी शामिल होंगे। तीन दिवसीय महोत्सव में 60 स्वतंत्र निर्देशक भी सम्मिलित होंगे, जिनकी फिल्में महोत्सव में दिखाई जाएंगी ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here