शिमला के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बच्चों के लिए विशेष स्क्रीनिंग ‘बचपन‘

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शिमला, 8 अगस्त। गेयटी थिएटर शिमला में 16  से 18  अगस्त तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय दसवें अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह शिमला  में बच्चों के लिए  विशेष स्क्रीनिंग और इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन ‘बचपन ‘ थीम के तहत  किया जा रहा है। ये स्क्रीनिंग गोथिक थिएटर में होंगी जो केवल बच्चों के लिए समर्पित होगी।

अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह शिमला  में विशेष रूप से बच्चों के लिए एक विविध और समृद्ध कार्यक्रम तैयार किया गया  है, जिसमें विभिन्न शैलियों, संस्कृतियों और विषयों पर आधारित लघु, वृत्तचित्र, एनीमेशन और फीचर फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों को न केवल मनोरंजन के लिए बल्कि युवा दर्शकों को शिक्षित और प्रेरित करने के लिए भी स्क्रीन किया जा रहा है। कहानी कहने की शैलियों और सांस्कृतिक दृष्टिकोणों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करके, महोत्सव का उद्देश्य अपने युवा दर्शकों के बेहतरीन क्रिएटिव फिल्म दिखाना और फिल्म के बारीकियों से रू-ब-रू करना है।  शिमला के बच्चों के लिए ये अनूठा आयोजन है क्योंकि इस तरह के फिल्म महोत्सव में बच्चों के लिए बनी फिल्मों की स्क्रीनिंग केवल मेट्रो शहरों तक ही सीमित  होती हैं।  शिमला में ऐसा आयोजन बच्चों  के लिए एक मौका भी है कि वो इस फिल्म महोत्सव का पूरा लाभ उठाएं।

गेयटी थिएटर, 16 से 18 अगस्त को सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक गोथिक थिएटर में इन विशेष स्क्रीनिंग की मेजबानी करेगा। स्क्रीनिंग के अलावा, अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह शिमला बच्चों को फिल्म निर्माताओं से सीधे जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रहा है। ये इंटरैक्टिव सत्र युवा दर्शकों को फिल्म निर्माण प्रक्रिया में गहराई से उतरने, सवाल पूछने और उन लोगों से अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का अवसर देंगे जो उनकी पसंदीदा फिल्में बनाते हैं। फिल्म निर्माताओं और बच्चों के बीच सीधे संवाद को बढ़ावा देकर, महोत्सव का उद्देश्य फिल्म निर्माण की कला को बेहतरीन बनाना और कहानीकारों की भावी पीढ़ियों को प्रोत्साहित करना है। बच्चों को फिल्म निर्माण प्रक्रिया की गहन समझ प्रदान की जाएगी।

इस फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा, “शिमला के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बच्चों के लिए यह विशेष कार्यक्रम ‘बचपन’ पेश करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है।हमारा लक्ष्य एक ऐसा मंच तैयार करना है, जहां युवा  सिनेमा की दुनिया को एक्सप्लोर कर सकें, उद्योग के विशेषज्ञों से सीख सकें और अपनी कहानियां कहने के लिए प्रेरित हो सकें।”

इस वर्ष 27 देश और 20 राज्य इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शिमला में भाग ले रहे हैं, जो विविध संस्कृतियों और दृष्टिकोणों के माध्यम से की फिल्मों की के माध्यम से अपनी कहानी कहेंगे । अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, ईरान, कनाडा, चीन, चेक गणराज्य, तुर्की, नेपाल, मिस्र, बांग्लादेश, इटली, पोलैंड, अर्जेंटीना, स्वीडन, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और दुबई के फिल्म निर्माता भाग ले रहे हैं।

जबकि भारत से बीस राज्य भाग ले रहे हैं, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, असम, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कश्मीर, उत्तराखंड, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी ।

इस महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य तीन  श्रेणी की प्रतियोगिताएं होंगी। समसामयिक मुद्दों, विषयों, देशों और फिल्म निर्माताओं के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विशेष रूप से क्यूरेटेड सत्र भी होंगे। कार्यक्रम में फिल्मों की स्क्रीनिंग, फिल्म संस्थानों के विशेषज्ञों, फिल्म समीक्षकों और फिल्म उद्योगों के साथ सेमिनार/कार्यशाला सत्र भी शामिल होंगे। 60 स्वतंत्र फिल्म निर्देशक जिनकी फिल्में महोत्सव में दिखाई जाएंगी, वे भी तीन दिवसीय महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे और दर्शकों से रू-ब-रू होंगे ।

आईएफएफएस का उद्देश्य विश्वभर से बेहतरीन वृत्तचित्र, लघु फिल्म, फीचर फिल्म, एनीमेशन फिल्म और संगीत वीडियो और वेब श्रृंखला को शिमला के दर्शकों को उनके शहर में लाना है  बढ़ाना है। आईएफएफएस  2015 से सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है, इस महोत्सव का पहला संस्करण  2015 में आयोजित किया गया था।

शिमला के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का महोत्सव का आयोजन हिमालयन वेलोसिटी द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, भाषा एवं संस्कृति विभाग (एलएसी) के सहयोग से किया जा रहा है। शिमला का अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव भारत के प्रमुख फिल्म महोत्सवों में से एक है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा को एक मंच पर लाकर उन्हें अवसर प्रदान करता है। ।

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