शिमला, 4 जून। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेमडेसिविर का उपयोग आवश्यकतानुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत स्टेट क्लीनिकल टीम की सिफारिशों के अनुसार रेमडेसिविर का उपयोग केवल कोविड-19 के मध्यम से लेकर गंभीर मामलों में ही किया जाए, जिनमें अनुपूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता है और किडनी या लीवर की बीमारी से संबंधित कोई हिस्ट्री नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग उन मरीजों के उपचार में नहीं किया जाना चाहिए जो ऑक्सीजन स्पोर्ट पर नहीं हैं या होम आइसोलेशन में हैं।
उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर को केवल अस्पताल में ही लगाया जा सकता है और ऐसे मामलों में निर्णय लेने के लिए प्रत्येक डीसीएचसी और डीसीएच में रेमडेसिविर ऑडिट समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि रेमडेसिविर का न तो घर पर भंडारण किया जाए और न ही घर पर इसका उपयोग किया जाना चाहिए। कोविड कपेस्टि पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में रेमडेसिविर के कुल 8970 वायल उपलब्ध हैं।
स्टेरॉयड के सदुपयोग के संबंध में एडवाइजरी
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कोविड के विभिन्न मामलों में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज चिकित्सकों से परामर्श लिए बिना ही अत्यधिक मात्रा में स्टेरॉयड ले रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप शरीर में वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी कम होना व ब्लड शुगर में अनियमितता जैसे प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। इसके अत्यधिक उपयोग से ब्लैक फंगस जैसे विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में वृद्धि भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्टेट क्लीनिकल टीम ने सुझाव दिया है कि स्टेरॉयड का प्रयोग चिकित्सा परामर्श के साथ केवल उन कोविड-19 के मरीजों में ही किया जाना चाहिए, जिनका ऑक्सीजन स्तर कम है।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार चिकित्सक को केवल मध्यम और गंभीर कोविड-19 संक्रमण के मामालों में ही स्टेरॉयड का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने सांस लेने में परेशानी के लक्षणों वाले लोगों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द अपना कोविड-19 टेस्ट करवाएं और स्वयं स्टेरॉयड का उपयोग करने से बचें।
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