चंबा, 2 सितंबर। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नीरज नैय्यर ने कहा कि स्थानीय लोगों में चालान को लेकर दशहत व्याप्त हो गई। चंबा ट्रैफिक पुलिस लोगों के हजारों रुपये के चालान काट रही है, जो कि कोरोना काल में आमजन के साथ अन्याय है, विशेषतौर पर ग्रामीण जनता के साथ।
नैय्यर ने कहा कि मामूली से नियम टूटने पर हजारों रुपये का चालान होने से आमजन बहुत परेशान है। उन्होंने कहा कि एक तरफ हिमाचल प्रदेश के डीजीपी ने बयान दिया है कि आपदा की घड़ी में लोगों के साथ पुलिस सहयोग करें और जनता को तंग न करें। परंतु इसके विपरित ही हो रहा है। जिला चंबा मुख्यालय में ट्रैफिक पुलिस लगातार चालान काट रही है। एक मोटरसाइकिल का ही चालान पांच से सात हजार रुपये का काटा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अनापशनाप चालान काटने से ग्रामीणों को आपदा की घड़ी में या अन्य आवश्यक कार्यों के लिए जिला मुख्यालय आना महंगा पड़ रहा है। चंबा पुलिस चालान पर चलान काट रही है। ऐसे में एक गरीब आदमी इनको भरपाने में असमर्थ है। कोरोना आपदा के समय कम से कम पुलिस को चालान काटने से बचना चाहिए था। कोरोना के चलते रोजगार छिन चुके हैं, व्यापार घाटे पर चल रहे हैं और कई लोगों उसे बंद कर चुके है। पहले तो बंद दुकानों के बिजली, पानी बिल और बैंक की ब्याज दरों ने लोगों पर आर्थिक मार की। अब सरकार गाडियों के मोटे-मोट चालान काट कर राजस्व एकत्र कर रही है, जोकि सरासर अनुचित है। सत्ता के नशे में डूबी सरकार क्या ऐसे ही लोगों को तंग करके राजस्व एकत्र करना चाहती है, क्या उसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।