बिलासपुर/शिमला, 7 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एम्स के निर्माण से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को संस्थान के लिए विद्युत आपूर्ति की समुचित व्यवस्था करने तथा निर्धारित समय अवधि में स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए एम्स में पार्किग की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने एम्स के अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए एम्स के अधिकारियों को जिला प्रशासन के समन्वय से कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर एम्स के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि एम्स के प्रथम चरण का निर्माण कार्य अगले साल 30 जून तक पूर्ण हो जाएगा और एमबीबीएस का दूसरा बैच इस वर्ष के अंत अथवा आगामी वर्ष के जनवरी माह तक आरंभ कर दिया जाएगा।
एम्स के अधिकारियों ने बताया कि यहां ओपीडी सेवाएं अगले माह तक आरम्भ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। संस्थान में इस साल मई से टेलीमेडिसन सेवाएं आरम्भ कर दी गई हैं तथा एम्स द्वारा जून से क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में भी ओपीडी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं जिसके माध्यम से अब तक लगभग 8 हजार लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्थान के एमबीबीएस के छात्रों के साथ भी संवाद किया।
एम्स के निदेशक वीर सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें संस्थान की विभिन्न गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने प्रदेश सरकार से संस्थान के आस-पास विद्यालय खोलने के लिए भूमि प्रदान करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर अधिकारियों ने एम्स निर्माण कार्य से संबंधित प्रस्तुति भी दी।
बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजिन्द्र गर्ग, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, विधायक जे.आर. कटवाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, उपायुक्त पंकज राय, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र तोमर तथा एम्स के अधिकारी भी उपस्थित थे।