अंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा

940

शिमला, 6 दिसंबर। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की डॉ. बी.आर. अंबेडकर पीठ द्वारा आयोजित व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा देश और समाज को दिए गए विचारों और दिशा के लिए हम सभी उनके ऋणी हैं और आज के इस दिवस पर हम सभी को बाबासाहेब अम्बेडकर की जीवनी पढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।
आर्लेकर ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में हमें डॉ. अंबेडकर को समझने की जरूरत है क्योंकि उनका जीवन और संघर्ष ने हमें प्रेरित करता है। उन्होंने बाबासाहेब के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वे सही मायनों में हिंदू समाज के सुधारक थे।
राज्यपाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है। वह एक समाज सुधारक और विद्वान थे। उनके विचार और आदर्श करोड़ों लोगों को प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने देश के लिए जो सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिए हमें प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा और यही बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ

इस मौके पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि बाबासाहेब ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि राजनीतिक व्यवस्था ने उन्हें एक समुदाय विशेष के नेता के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए कार्य किया। डॉ. अंबेडकर ने शिक्षित होने, संगठित होने और आंदोलन करने के लिए तीन उपाय दिए, लेकिन अगर पहले दो अमल में लाए जाएं तो तीसरे की कोई आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मन से सामाजिक कुरीतियों को दूर कर सद्भाव से रहकर ही यह देश फिर से विश्व गुरु बन सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता किस्मत कुमार ने कहा कि डॉ. अंबेडकर उनके तथ्य और तर्क के लिए जाने जाते थे और उनके चिंतन से कर्तव्य का बोध होता है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सभी प्रकार के प्रलोभनों को दर किनार करते हुए विदेशी धरती से किसी भी धर्म को स्वीकार नहीं किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हिंदू समाज में जातिगत असमानताओं को दूर करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने डॉ. अंबेडकर द्वारा समाज को दिए गए योगदान का विस्तृत विवरण दिया और उनके बचपन की कई घटनाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने आंतरिक समस्याओं और चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।
इस अवसर पर प्रो. विकास अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश डॉ. बी.आर. अंबेडकर पीठ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चेयर के अध्यक्ष प्रो. श्रीराम शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

रेलवे ने दी बाबा साहब को श्रद्धांजलि

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here