शिमला, 7 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में भांग की खेती को वैध बनाने की दिशा में विचार कर रही हैए जिससे राज्य के लिए राजस्व अर्जित होगा। वहीं यह औषधीय और औद्योगिक क्षेत्र के लिए कारगार साबित होगी। भांग में कई औषधीय गुण पाए जाते है। इसके औषणीय गुणों के इस्तेमाल से कैंसरए मधुमेहए उच्च रक्तचापए अवसाद आदि से ग्रसित मरीजों को काफी राहत मिलती है।
मुख्यमंत्री ने वीरवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने भांग की खेती का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया हैए जिसमें पांच विधायकों को सदस्य बनाया गया है। समिति उन इलाकों का दौरा करेगीए जहां भांग की अवैध खेती होती है। समिति सभी पहलुओं का गहनता से अध्ययन करने के उपरांत एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपंेगी। इसी रिपेार्ट के आधार पर भांग की खेती को वैध करने के बारे में सरकार अंतिम निर्णय लेगी।
उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में भांग की खेती को कानूनी मान्यता दी गई हैं। वहंी देश के कई राज्यों में भांग की खेती को कानूनी दायरे में रखा गया है। उत्तराखंड वर्ष.2017 में भांग की खेती को वैध करने वाला देश का पहला राज्य बना है। इसके अलावा गुजरातए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी भांग की नियंत्रित खेती की जा रही है। प्रदेश सरकार इन सभी पहुलाओं कां भी ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लेगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु ने कहा कि भांग की खेती राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैए लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर न हो।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारत की संसद में वर्ष 1985 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत भांग को परिभाषित किया थाए जिसके तहत भांग के पौधे से राल और फूल निकालने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन यह कानून औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की विधि और सीमा निर्धारित करता है। अधिनियम की धारा 10 ;एद्ध के अंतर्गत् राज्यों को किसी भी भांग के पौधे की खेतीए उत्पादनए कब्जाए परिवहनए खपतए उपयोग और खरीद तथा बिक्रीए भांग की खपत ;चरस को छोड़करद्ध के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देती है। राज्यों को सामान्य या विशेष आदेश द्वाराए केवल फाइबर या बीज प्राप्त करने या बागवानी उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की अनुमति देने का अधिकार है।
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