शिमला, 2 मार्च। निदेशक उद्यान डॉ. आर.के. परुथी ने फल पौधशाला उत्पादकों एवं बागवानों से आग्रह किया है कि वे विभाग के साथ पंजीकृत सरकारी व गैर सरकारी फल पौधशाला से ही पौधे क्रय करें और बाहरी राज्य से फल पौध सामग्र्री का अनाधिकृत ढंग से आयात और विक्रय न करें।
उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के संज्ञान में आया है कि गैर पंजीकृत फल पौधशाला उत्पादक प्रायः दूसरे प्रदेशों से अनाधिकृत तौर पर फल पौधे, मूलवृंत एवं फल पौध की कलमों का आयात कर रहे हैं और इसे कम दाम पर प्रदेश के बागवानों को बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश फल पौधशाला पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम, 2015 और नियम, 2020 के अनुसार यह गैर कानूनी है क्योंकि बाहरी प्रदेशों से आयात किए जाने वाले पौधों से रोग एवं कीटों के फैलने का अंदेशा रहता है और फल उत्पादन पर भी इसका कुप्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के कोई भी व्यक्ति व बागवान यदि अप्रमाणित फल पौधों और कलमों की बिक्री करते हुए पाया जाता है तो संबंधित खंड स्तर पर उद्यान विभाग के अधिकारी उनके विरूद्ध नर्सरी पंजीकरण अधिनियम, 2015 और नियम, 2020 के अनुसार कार्यवाही कर सकते हैं। इसके लिए निदेशक उद्यान विभाग की ओर से प्रदेश के सभी क्षेत्रिय अधिकारियों, आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (उप-निदेशक उद्यान, विषय वस्तु विशेषज्ञ व उद्यान विकास अधिकारी) को हिमाचल प्रदेश फल पौधशाला पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम, 2015 की धारा (23) के अनुसार आवश्यक कार्यवाही के लिए अधिकृत किया गया है।
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