पलवल, 12 जुलाई। सभी आशाएं अपने पोस्टेड जगह पर जाकर लोगों सैंपल कलेक्ट तथा घर-घर जाकर सर्वे करेंगी करेंगी, जिनको 2 हफ्ते से खांसी होगी अथवा जिनके घर में पहले से ही टीबी के मरीज हो उनके सैंपल कलेक्ट करेंगी, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा टीबी के केस डिटेक्ट हो सके और उन्हें समय पर इलाज मिल सके।
सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति टीबी के मरीज को अस्पताल लेकर जाता हैं तो उसे इनाम के रूप में 500 रुपये दिए जाते हैं और हर मरीज को भी उसके खाते में पौष्टिक खाना खाने के लिए सरकार द्वारा दिए जाते है। मरीज से जाँच के दौरान ही उसका एकाउंट नंबर व आईडी नंबर लिया जाता है ताकि उसके एकाउंट में सीधे राशि पहुँच सके।
सिविल सर्जन ने बताया यदि किसी भी व्यक्ति को अगर दो हफ्ते से ज्यादा खांसी या फिर जिनके घर में पहले से ही टीबी केस है तो वे सरकारी अस्पताल जाकर अपनी जांच करवा सकते हैं। पब्लिक सेक्टर से वे प्राइवेट सेक्टर से कुल 1170 केस का इस समय टीबी के मरीजों का हमारे पास इलाज चल रहा है। सिविल सर्जन ने सभी प्राइवेट डॉक्टर्स से आह्वान किया है कि यदि उनके पास टीबी के केस आते हैं तो उन सभी केसों को पोर्टल पर अपडेट करें।
सिविल सर्जन ने बताया गया कि प्रदेश सरकार वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करवाने के लिए प्रयासरत है। सभी विभागों को इसके लक्षणों जैसे की 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी व कफ एवं बुखार के बारे में अवगत कराया और उन्हें यह भी निर्देश दिए कि इस जानकारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों को जागरूक किया जाए ताकि समय से अपनी जांच करवाकर टीबी का इलाज मिल सके।
सभी दवाई विक्रेता को निर्देश दिए कि (एचवीसिड्यूल) को डाक्टर की पर्ची के लिखे बिना ना बेचे। अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त-से-सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। आंगनवाडी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है की यदि किसी भी बच्चे में टीबी के लक्षण पाए जाते है तो उसको तुरंत उनके परिवार व आशा वर्कर्स को जानकारी दी जाए ताकि समय पर उनको सही इलाज मिल पाए।
कोरोना: अब नहीं लगेगा शनिवार बाजार, व्यापारियों ने एसएचओ से की शिकायत