कैथल, 13 जून। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने जिला के किसानों से हरियाणा सरकार की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पानी की बचत करने के उद्देश्य से सरकार ने यह योजना क्रियान्वित की है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत धान की वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों का उत्पादन करना होगा। इन वैकल्पिक फसलों में कपास, मक्का, अरहर, मुंग, मौठ, उड़द, सोयाबीन, गवार, तिल, मूंगफली, खरीफ प्याज और सभी खरीफ चारा फसल शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले खरीफ सीजन के दौरान मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण को अपनाने वाले किसानों को इस वर्ष भी योजना के तहत प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। लेकिन इसके लिए संबंधित किसानों को खेत में धान की बजाए वैकल्पिक फसलों की बुवाई का कार्य जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल व मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के लिए किसान द्भड्डद्वड्डड्ढड्डठ्ठस्रद्ब.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पोर्टल से अपनी फरद की प्रति डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डाउनलोड किया गया यह दस्तावेज पूरी तरह से वैध है। बाजरे की फसल की बिजाई करने वाले किसान इस योजना में पात्र नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो किसान खरीफ सीजन 2021 के दौरान अपने पिछले वर्षों के खरीफ धान के खेतों को खाली करेंगे, वह भी प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के पात्र होंगे।