फार्म हाउसों को गिराने में डीटीपी बाठ का दोहरा मापदंड

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  • सूरजगढ़ फार्म पर कार्रवाई नहीं होने सेेेे उठ रहे सवाल
  • अरावली में किस की निगरानी में अवैध रूप से चलाया जा रहा फार्म
  • चंडीगढ़ स्थित 8 विभागों को शिकायत भेजकर दागे सवाल
  • एडवोकेट ने शिकायत के मार्फत तत्काल कार्रवाई की मांग की

गुरुग्राम, 8 जुलाई। पिछले कुछ दिनों से लगातार अरावली में बनाए गए फार्म हाउसों को तोड़ने का मामला सामने आ रहा है, लेकिन यहां 12 एकड़ में अवैध रूप से बनाए गए सूरजगढ़ फार्म देखने के बाद डीटीपी एनफोर्समेंट अपनी आंखें आखिर क्यों बंद कर लेते हैं, यह अपने आप में बड़ा सवाल है, बता दें कि डीटीपी इंफोर्समेंट आरएस बाट द्वारा लगातार अरावली में अवैध रूप से निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की गई, लेकिन सूरजगढ़ फार्म पर कार्रवाई नहीं होने से अब एडवोकेट नरेंद्र ने संबंधित 8 विभागों को शिकायत भेजकर कार्यवाही की मांग की है, साथ ही अवैध रूप से चलाए जा रहे फार्म को लेकर सवाल पूछे गए हैं।

क्या है आरोप
एडवोकेट नरेंद्र ने आरोप लगाया है कि गांव बंधवाडी, तहसील सोहना स्थित अरावली की पहाड़ी में सूरजगढ़ फार्म के नाम पर 12 एकड़ जमीन पर कमर्शियल एक्टिविटी की जा रही है। एडवोकेट नरेंद्र का आरोप है कि यहां ये गतिविधियां दीप एजुकेशन सोसाइटी द्वारा सतीश यादव पूर्व सरपंच ग्राम कन्हैया व उसके परिवार के सदस्यों द्वारा बिना किसी लाइसेंस के चलाई जा रही हैं। इससे हरियाणा सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है। आरोप है कि यह रिसोर्ट चलाने के लिए सूरजगढ़ फार्म के मालिक ने ना ही एनजीटी से अनुमति ली है, ना ही फायर तथा पर्यावरण विभाग से एनओसी ली है, मौके पर इस रिपोर्ट को चलाने के लिए कानून को ताक पर रखकर रोड भी बना ली गई है। जीएसटी एवं अन्य टैक्स भी हजम किया जा रहा है। आरोप है कि इस रिपोर्ट में असंवैधानिक तरीके से जीव जंतुओं को रखा गया है, जो कि बगैर लाइसेंस के एनजीओ को रिसोर्ट में रखना कानूनन अपराध है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ वाइल्ड एनिमल एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाए और जिस तरह से अरावली में बने अन्य फार्म को तोड़ा गया है उसी तर्ज पर इस फार्म को तोड़ने की कार्रवाई की जाए।

किन विभागों को भेजी गई शिकायत
अवैध रूप से चल रहे इस फार्म पर कार्रवाई के लिए शिकायतकर्ता एडवोकेट नरेंद्र ने मुख्य सचिव हरियाणा सरकार चंडीगढ़ सचिव एवं वित्त आयुक्त, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग हरियाणा चंडीगढ़, वित्त आयुक्त एवं सचिव पर्यावरण एवं जीव जंतु एवं वन विभाग हरियाणा सरकार, डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग हरियाणा चंडीगढ़, निदेशक राज्य सतर्कता ब्यूरो पंचकूला हरियाणा, उपायुक्त गुरुग्राम, संजय सिंह विधायक सोहना गुरुग्राम, डीटीपी इंफोर्समेंट एंड कंट्री टाउन प्लानिंग सेक्टर 14 गुरुग्राम समेत अन्य विभागों को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, राकेश यादव, अनिल यादव और दीपक यादव ने सभी आरोप का खंडन करते हुए कहा कि सूरजगढ़ फार्म हाउस की पूरी जमीन एग्रीकल्चर है, जोकि सभी तरह के टैक्स भुगतान करता है। इस जमीन का पहाड़ी क्षेत्र से कोई लेना-देना नही है। सूरजगढ़ फार्म सभी सरकारी नियमों का पालन करता है, यह फार्म केवल ग्रामीण जीवन को दर्शाता है। इस फार्म में कही भी कोई पक्का निर्माण नही बनाया गया है। इसमें किसी भी प्रकार के वन्य जीवन को कैद नही करके रखा जाता। यहां ग्रामीण माहौल की तरह कबूतरों को भी आजाद रखा जाता है, वहीं बेल बुग्गी, भेड, बकरी से ग्रामीण खुशबू लाने के लिए इन्हें पाला जाता है। वही गांव की तरह जगह-जगह पक्के निर्माण की जगह छप्पर, छान डालकर यहां आने वाले लोगों के लिए बैठने का स्थान बनाया गया है। यहां पर किसी प्रकार की अवैध गतविधि नही की जाती है। हजारों पेड़ लगाकर यहां हरियाली की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और रंजिश के तहत लगाए गए हैं। कोविड महामारी के दिशानिर्देशों के अनुसार पिछले 2 साल से सूरजगढ़ फार्म हाउस बंद चल रहा है, वहां किसी भी प्रकार की फिलहाल गतिविधि नहीं है। यह हरियाणा टूरिज्म को बढ़ावा देता है इसी माहौल को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि टीकली की अरावली की पहाडि़यों में लोहागढ़ व प्रतापगढ़, माधवगढ़, विशाल गढ़, रामगढ़, रंगमंच, तथा झज्जर सहित पूरे हरियाणा में इस प्रकार के 15-20 फार्म चल रहे है।

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